Chaitra Navratri 2020: हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्र का आरंभ इस साल 25 मार्च से होने वाला है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। इस दौरान माता के भक्त मां को प्रसन्न् करने के लिए पूरे 9 दिनों तक उपवास रखते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार आश्विन और चैत्र नवरात्र में माता पृथ्वी पर आने के लिए अपने एक खास वाहन का इस्तेमाल करती हैं। माता के वाहन को देखकर ज्योतिषशास्त्र से जुड़े लोग आने वाले साल की स्थिति का आंकलन करते हैं।
इस साल चैत्र नवरात्र 2020 बुधवार से शुरू हो रहे हैं। देवीभाग्वत पुराण के अनुसार माना जाता है कि यदि नवरात्रि के व्रत बुधवार से शुरू होते हैं तो मां विष्णों नाव पर सवार होकर अपने भक्तों से मिलने आती हैं। आइए जानते हैं ज्योतिषशास्त्र में क्या है इसका मतलब।
मां की सवारी नाव होने का मतलब-
मां की सवारी नाव होने का मतलब यह है कि इस साल खूब वर्षा होने वाली है। जिसकी वजह से आम लोगों का जीवन प्रभावित होने के साथ बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है। जिसकी वजह से जन-धन को बड़ा नुकसान हो सकता है।
मां की सवारी नाव होने का मतलब यह है कि इस साल खूब वर्षा होने वाली है। जिसकी वजह से आम लोगों का जीवन प्रभावित होने के साथ बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है। जिसकी वजह से जन-धन को बड़ा नुकसान हो सकता है।
हाथी पर होगी मां विष्णों की विदाई-
चैत्र नवरात्रि का समापन 2 अप्रैल, वीरवार को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता की विदाई हाथी पर होने वाली है। माता का वाहन हाथी होने का मतलब है कि इस साल बारिश अच्छी होने वाली है। जो कृषि के लिहाज से बेहतर होगा। इसके अलावा नववर्ष के मंत्री चंद्रमा और राजा बुध होने का मतलब है कि आने वाला वर्ष अर्थवयवस्था के लिए बेहतर रहेगा।
चैत्र नवरात्रि का समापन 2 अप्रैल, वीरवार को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता की विदाई हाथी पर होने वाली है। माता का वाहन हाथी होने का मतलब है कि इस साल बारिश अच्छी होने वाली है। जो कृषि के लिहाज से बेहतर होगा। इसके अलावा नववर्ष के मंत्री चंद्रमा और राजा बुध होने का मतलब है कि आने वाला वर्ष अर्थवयवस्था के लिए बेहतर रहेगा।
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