जबलपुर: जनेकृविवि का गरिमामय 56वॉं स्थापना दिवस सोल्लास संपंन

जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय का 56वॉं स्थापना दिवस उमंग, उल्लास और गारिमामय माहौल में मनाया गया। किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री सचिन सुभाष यादव, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री तरूण भनोत और सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया की मौजूदगी में उपलब्धियों के लिए सम्मान-पुरस्कार प्रदान किए गए।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री सचिन सुभाष यादव ने कहा कि जनेकृविवि की ख्याति देशभर में लगातार फैल रही है। यह प्रदेश के लिये गौरव की बात है। यहां देश के 28 राज्यों के हजारों छात्र अध्यनरत् हैं। शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कारों से विवि की झोली लबरेज है। लेकिन हमारे समक्ष आज बड़ी चुनौती खेती में प्रयुक्त किये जा रहे है कीटनाशकों के दुष्परिणाम की है, जिससे किसान भी अछूता नहीं है जो कैंसर जैसी घातक बीमारियों की चपेट में आ रहा है। इसलिये जैविक खेती को बढ़ावा देकर रसायनिक खाद के मिथक को तोडना नितांतावश्यक है। सिक्किम राज्य की तरह मप्र को जैविक प्रदेश बनाना होगा। किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाना, प्रसंस्करण और परिवहन की व्यवस्था देना हमारी प्राथमिकता है। साथ ही प्रदेश में स्थित 75 प्रतिषत लघु और सीमान्त किसानों को संगठित करने की जरूरत है। वहीं कृषि शिक्षा क्षेत्र की विसंगतियों को मिलजुल कर दूर करना होगा।

वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री तरूण भनोत ने कहा जनेकृविवि का वैभवशाली इतिहास है। लेकिन बदलते मौसम और जलवायु के अनुरूप अनुसंधान का दायरा बढ़ायें ताकि किसानों को सूखे और बाढ़ जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी नुकसान ना हो। अनुसंधान हेतु सरकार आपके साथ खड़ी है। अनुसंधान हेतु सरकार हर वित्तीय मदद देने तैयार हैं। साथ ही हमें उद्यानिकी फसलों में भी बहुत कार्य करना होगा।
सामजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से अध्ययन कर निकले विद्यार्थियों ने कृषि क्षेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा को साबित किया है। जहां एक ओर वैज्ञानिकों ने कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाई, वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में भी विश्वविद्यालय के छात्र अग्रणी रहे। प्रतिभाओं का सृजन और प्रोत्साहन ही विश्वविद्यालयों का मुख्य कार्य होता है। उन्होंने कहा कि वे विश्वविद्यालय के उत्तरोत्तर उन्नति के लिए पहले की तरह भविष्य में भी हमेशा प्रयास करते रहेंगे। भाकृअप नईदिल्ली के सहा. महानिदेशक डॉं. एस.के. चौधरी ने विवि की उपलब्धियों पर बधाईयां दी और बताया कि छात्रों की फैलोशिप 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गई है तथा अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप के द्वार भी खोल दिये गये हैं।
समारोह के अध्यक्ष कुलपति डॉं. प्रदीप कुमार बिसेन ने कहा जनेकृविवि ने 298 प्रजातियां विकसित की हैं और देश को प्रसिद्ध कैबिनेट मंत्री, कलेक्टर, कृषि वैज्ञानिक और उच्चस्तरीय छात्र दिये हैं। आज हम देष के 75 कृषि विश्वविद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ हैं। विधायक  संजय यादव, विनय सक्सेना, अशोक रोहाणी व वेटनरी कुलपति डॉं. पी.डी. जुआल मंचासीन रहे।


इस गरिमामय समारोह के द्वितीय चरण में जनेकृविवि के पूर्व प्रभारी कुलपति डॉं. ए.एस. तिवारी को लाइफटाईम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। वहीं पूर्व छात्र एवं वर्तमान रीवा कलेक्टर ओम प्रकाश श्रीवास्तव और सागर कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक, भाकृअप अटारी के निदेशक डॉं. अनुपम मिश्रा व डॉं. पी.एस. चौरे यूएसए को जवाहर रत्न से नवाजा गया। आदिवासी उत्कृष्ट कृषक महिला सम्मान ललिता बारस्कर बैतुल, उजियारो बाई केवटिया डिंडौरी, द्रोपती सिंह गोंड शहडोल को तथा कृषक फैलो सम्मान गुलाबराव खाडे़ बैतुल, कृष्णपाल सिंह लोधी नरसिंहपुर, डॉं. सुमन कुमार दास छतरपुर को दिया गया। जनेकृविवि के प्राध्यापक डॉं. अभिषेक शुक्ला को 50 हजार रूपये नगद के साथ बेस्ट टीचर अवार्ड तथा कु. साक्षी शर्मा को बेस्ट स्टूडेंट अवार्ड दिया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना को उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रशस्ति पत्र दिया गया। जनेकृविवि को मिले देश के सरदार पटेल सर्वश्रेष्ठ आईसीएआर कृषि विश्वविद्यालय-2018 अवार्ड एवं विवि रैंकिंग 2018 कमेटी के सदस्यों को एवं कृषि प्रदर्शनी व छात्र पोस्टर प्रदर्शनी के विजेताओं को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉं. अमित शर्मा एवं आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉं. एम.के. हरदहा ने किया। समारोह के पूर्व में कृषि मंत्री ने कृषि प्रदर्शनी एवं छात्रों की पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन किया।

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