जबलपुर: प्रतिमाओं के निर्माण में पीओपी एवं रासायनिक रंगों का इस्तेमाल प्रतिबंधित

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी भरत यादव ने नदी-तालाबों और झील को प्रदूषण से बचाने तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण सेन्ट्रल जोन बैंच भोपाल के निर्देशों एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली द्वारा जारी गाइड लाइन के परिप्रेक्ष्य में जबलपुर जिले में प्रतिमाओं के निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा रासायनिक एवं विषाक्त रंगों के इस्तेमाल को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी कर प्रतिबंधित कर दिया है ।
      प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि जिले में केवल परंपरागत मिट्टी और प्राकृतिक रंगों से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन व विक्रय किया जा सकेगा । प्लास्टर ऑफ पेरिस या किसी भी प्रकार के केमिकल एवं रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है । अगर रासायनिक पदार्थों से प्रतिमाओं के निर्माण का मामला प्रकाश में आता है तो तत्काल स्थानीय निकाय इस प्रकार की प्रतिमा को अपने कब्जे में लेकर नियमानुसार उसका निपटान करेंगे ।
      जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के मुताबिक प्रतिमाओं का विसर्जन इसके लिए बनाये गये विसर्जन कुण्डों एवं अधिकृत तालाबों पर ही किया जा सकेगा ।  प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि इन स्थानों पर भी प्रतिमाओं के विसर्जन के पूर्व पूजन सामग्री जैसे फल-फूल, नारियल, आभूषण एवं प्लास्टिक से निर्मित सजावट के सामान को अलग-अलग एकत्रित किया जायेगा तथा इन सामग्रियों का निपटान ठोस अपशिष्ट नियम-2000 के प्रावधान के अनुसार स्थानीय निकायों द्वारा किया जायेगा ।
      प्रतिबंधात्मक आदेश में जिला दण्डाधिकारी ने कहा है कि प्रतिमाओं के विसर्जन के 24 घंटे के भीतर विसर्जित मूर्ति एवं प्रतिमाओं से उत्पन्न अपशिष्ट जैसे बांस, रस्सी, मिट्टी, पी.ओ.पी. आदि हिस्सों को एकत्रित कर उनका निपटान ठोस अपशिष्ट अधिनियम-2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जायेगा।
      जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है ।  आदेश में कहा गया है इसका उल्लंघन भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध होगा ।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने