दस्तक अभियान के उत्कृष्ट क्रियान्वयन में जबलपुर संभाग का डिंडौरी प्रदेश में प्रथम

 दस्तक अभियान के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के मामले में जबलपुर जिला प्रदेश के टॉप टेन जिलों में शामिल हो गया है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में 10 जून से शुरू किए गए दस्तक अभियान की अब तक की जिलेवार उपलब्धियों और प्रगति की बिन्दुवार समीक्षा के बाद, जिलेवार जारी रैंकिंग में जबलपुर संभाग के डिंडौरी जिले ने प्रदेश में प्रथम और जबलपुर जिले ने दसवाँ स्थान अर्जित किया है।
      जबलपुर जिले में कलेक्टर भरत यादव के मार्गदर्शन और निर्देशन में चल रहे दस्तक अभियान के तहत अब तक सर्वे टीम जिले के 1017 गांवों के घर-घर जाकर 5 वर्ष की आयु तक के 96 हजार 827 बच्चों की स्क्रिनिंग कर चुकी है । इसमें 301 बच्चे गंभीर रक्ताल्पता से पीड़ित पाये गये । जबकि 479 डायरिया और 34 सेपसिस से पीड़ित थे । इन सभी के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है। दस्तक टीम बच्चों के अभिभावकों से मिलकर बच्चों की जन्मजात बीमारी और विकृतियों से संबंधित हर जानकारी संकलित कर रही है। दस्तक अभियान 20 जुलाई तक चलेगा। अभियान के तहत पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में बीमारियों और पोषण स्तर की जांच कर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में इलाज कराने की नि:शुल्क व्यवस्था है। साथ ही शारीरिक विकृति वाले बच्चों का भी प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। दस्तक दल द्वारा बच्चों को विटामिन ए की खुराक और 96 हजार 597 ओ.आर.एस. के पैकेट भी वितरित किए जा चुके हैं ।
      जिले में 5 वर्ष से कम आयु के दो लाख 5 हजार 917 बच्चे हैं। दस्तक दल इन सभी बच्चों तक पहुंचेगा। अब तक के सर्वे में मिले जिले के 107 कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कर नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। इनमें से कुछ बच्चों की छुट्टी हो भी गई है, उनका वजन भी बढ़ा है, एनीमिया (रक्ताल्पता) पीड़ित बच्चों को खून भी चढ़ाया गया है। जिले के 721 ग्रामों में ग्राम सभा की तर्ज पर स्वास्थ्य सभाओं का आयोजन कर बच्चों के अभिभावकों और जनसमुदाय को बच्चों को बीमारी से बचाने के तौर-तरीकों की जानकारी दी जा रही है। जिले में स्वास्थ्य सभाओं के आयोजन का यह सिलसिला 20 जुलाई तक चलेगा।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने