नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजटपेश किया। बजट में उन्होंने गरीब, किसान और गांव की बात की। साथ ही अमीरों पर टैक्स की चोट की। पढ़ें बजट की बड़ी बातें..
Union Budget 2019
प्रत्येक ग्राम में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्वच्छ भारत मिशन के विस्तार का प्रस्ताव : वित्त मंत्री
दो से पांच करोड़ की आय पर तीन फीसदी अतिरिक्त टैक्स : वित्त मंत्री
पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा : वित्त मंत्री
खाते से साल में 1 करोड़ से ज्यादा निकासी पर 2 फीसदी टीडीएस : वित्त मंत्री
आयकर रिटर्न अब आधार कार्ड के जरिए भी किया जा सकेगा, पैन कार्ड अनिवार्य नहीं : वित्त मंत्री
जनधन बैंक खाताधारक महिलाओं को 5 हजार रुपये तक ओवर ड्राफ्ट की अनुमति
45 लाख का घर लेने पर 1.5 लाख की मिलेगी छूट : वित्त मंत्री
हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख की छूट, पहले यह सीमा 2 लाख थी : वित्त मंत्री
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से 30 लाख कामगारों को लाभ मिलेगा : वित्त मंत्री
2019-20 के दौरान 100 नए बांस, मधु और खादी समूह की स्थापना की जाएगी : वित्त मंत्री
खेलो इंडिया के तहत सभी स्तरों पर खेल को लोकप्रिय बनाने और खिलाड़ी तैयार करने के लिये राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाएगा : वित्त मंत्री
2 अक्टूबर को दिल्ली के राजघाट पर राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा : वित्त मंत्री
भारत में अध्ययन नामक कार्यक्रम के शुभारंभ का प्रस्ताव : वित्त मंत्री
एफपीआई निवेश की सीमा 24 प्रतिशत से बढ़ाकर क्षेत्रीय विदेशी निवेश सीमा तक करने का प्रस्ताव : वित्त मंत्री
दुनिया के प्रमुख 200 संस्थानों में से तीन संस्थान हमारे देश में है : वित्त मंत्री
देश में अनुसंधान को प्रोत्साहन और सहयोग देने के लिए एक नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना का प्रस्ताव : वित्त मंत्री
साल 2022 तक डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर पार्ट योजना पूरी होगी : वित्त मंत्री
साल 2022 तक सबके लिए आवास का लक्ष्य, 1.95 करोड़ आवास उपलब्ध कराए जाएंगे : वित्त मंत्री
पीएम आवास योजना के तहत 81 लाख से अधिक आवासों के निर्माण को मंजूरी : वित्त मंत्री
हमारी योजनाओं में गांव, गरीब और किसान केंद्र बिंदु में हैं : वित्त मंत्री
बीमा क्षेत्रों में 100 फीसदी एफडीआई (FDI) को मंजूरी : वित्त मंत्री
छोेटे दुकानदारों को 59 मिनट में लोन मिलेगा : वित्त मंत्री
मीडिया में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ेगी : वित्त मंत्री
रेलवे में पीपीपी मॉडल का इस्तेमाल किया जाएगा : वित्त मंत्री
रेल ढांचे में सुधार के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की जरूरत : वित्त मंत्री
2018-19 में 300 किमी मेट्रो रेल को मंजूरी दी गई : वित्त मंत्री
चार सालों में गंगा नदी पर कार्गो की आवाजाही शुरू होगी : वित्त मंत्री
पांच साल में अर्थव्यवस्था 2.7 ट्रिलियन डॉलर हुई : वित्त मंत्री
वर्तमान में भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है : वित्त मंत्री
मुद्रा योजना ने लोगों की जिंदगी बदली : वित्त मंत्री
आज लोग मेक इन इंडिया को समझते हैं : वित्त मंत्री
परिवहन क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर जोर : वित्त मंत्री
गांव और शहर के बीच तेजी से फर्क मिट रहा है : वित्त मंत्री
उड़ान योजना के जरिए छोटे शहरों के बीच हवाई सेवा शुरू हुई : वित्त मंत्री
हमने 2014 और 2019 के बीच केंद्र-राज्य संबंधों को नयी गति दी, सहयोगपूर्ण संघवाद, जीएसटी परिषद और राजकोषीय अनुशासन के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता जतायी : वित्त मंत्री
पांच साल में कायाकल्प होने वाले कार्य हुए : वित्त मंत्री
देश का हर व्यक्ति बदलाव महसूस कर रहा है।
बजट पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है।
बजट की प्रतियां संसद में लाई गईं, इस बार प्रतियां करीब एक घंटे देरी से पहुंची।
इस बार बजट में खास
इस बार आम बजट को 'बहीखाता' नाम दिया गया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने इसे गुलामी से आजादी का प्रतीक बताया है।
वित्त मंत्री इस बार आम बजट ब्रीफकेस में लेकर संसद भवन नहीं पहुंचेंगी। वह एक लाल कपड़े में बजट लेकर जाएंगी। उन्होंने इसे भारतीय परंपरा का प्रतीक बताया है।
बजट से उम्मीद
बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि तथा रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है। राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से कर लगाया जा सकता है।
नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। 2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी। फिलहाल 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है।
यह बजट वैश्विक आर्थिक नरमी और मौसम विभाग के देश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच आ रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा।
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