जबलपुर: लेमा गार्डन गरीबों के लिए बने मकानों पर अवैध कब्ज़ा करा रहा स्थानीय नेता

पुरानी कहावत है भ्रस्टाचार करने वाले लहरें गिनकर भी अपनी जेबें भर लेते है इस भ्रस्टाचार का दीमक सरकार की किन योजनाओ में लग जाये कोई भरोसा नहीं| यूँ तो शासन की कोई भी योजनाये देश की भलाई के लिए बनायीं जाती है पर स्थानीय नेता और अधिकारीयों का गठजोड़ का किस योजना को वाट लगा दे ....... जी हाँ हमारा देश अब भगवान भरोसे है..... क्योकि जिसका भरोसा कर जन प्रतिनिधि बनाओ वही भ्रष्ट हो जाता है | हम यहाँ बात कर रहे है शासन की आवास योजनाओ की ... जो लायी तो गयी थी गरीबों को घर देने के लिए पर उनके हाथ सिर्फ आश्वाशन आ रहा है वही दूसरी ओर छुटभैया नेता अमीरों को कब्जा कराकर मजा मार रहे है|
इसी तरह का घोटाला जबलपुर लेमा गार्डन में बने आवासों में किया जा रहा है| जहाँ स्थानीय निगम प्रशासन द्वारा अभी कोई आवंटन नहीं किया गया है पर स्थानीय नेताओं ने मोटी रकम लेकर अपात्र लोगो को अवैध रूप से कब्ज़ा दे दिया है|

सरकार की महत्वाकांक्षी आवास योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट : 


मजबूर निगम प्रशासन: ऐसा नहीं है की इस अवैध गतिविधियों की खबर उच्च अधिकारीयों को नहीं है| उन्हें सब मालूम है| पर उनकी चुप्पी इस ओर इशारा करती है की कहीं न कहीं ये भी हिस्सेदार है| जहाँ अतिक्रमण शाखा अवैध कब्ज़ा हटाने पहुचती है   वैसे ही वापिस भी आ जाती है| क्योकि इनका मकसद अतिक्रमण हटाना न होकर वरन अवैध वसूली होता है| यही वजह है की अवैध कब्जे दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे  है|



स्थानीय नेता हो रहे मालामाल: सूत्र बताते है की सरकारी आवासों के इन कब्जो पर एक स्थानीय नेता का खासा दखल है| निगम को पैसा दो या न दो.... नेताजी को पैसा दे दो मकान पर कब्ज़ा मिल जायेगा| आचार संहिता के दौरान भी नेताजी का यह खेल बदस्तूर जारी है| क्योकि नेताजी का मानना है की भैय्या हमारे कोतवाल तो डर कहेका| मतलब सरकार तो अपनी है| 


बात ऐसे खुली: अब हुआ यूँ की .... नेताजी भी कर रहे वसूली.. वही अधिकारीयों के दलाल भी कर रहे वसूली तो दलालों ने थोडा ज्यादा कमा लिया| बस नेताजी को लगा बुरा और ......कहानी सबके सामने आना चालू 


आगे ओर भी हकीकत सामने आनी.......जारी 




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