पीएम मोदी-शी चिनफिंग की मुलाकात का असर, भारत-चीन सेना की सीमा पर शांति के लिए हुई बैठक

नई दिल्‍ली: भारत और चीन की सेनाओं के मजदूर दिवस के मौके पर बॉर्डर पर तनाव कम करने के लिए चुशूल मोलडो सरहद पर चीन की ओर स्पेशल बॉर्डर पर्सनल मीटिंग हुई. चीन के वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मीटिंग के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह पहली मीटिंग है. वहीं नाथुला सीमा से भारत और चीन के व्यापारियों के बीच 2018 में द्विपक्षीय व्यापार मंगलवार से शुरू हो गया. दोनों ओर से व्यापारियों और सरकारी अधिकारियों ने एक दूसरे को उपहार और शुभकामनाएं दीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग के बीच भारत-चीन के बीच सीमा पर शांति और संयम बनाए रखने को लेकर सहमति बनी है. दोनों नेता अपनी-अपनी सेनाओं को स्ट्रैटेजिक गाइडेंस जारी करने और शांति बनाए रखने के लिए जरूरी स्ट्रैटेजिक मेकेनिज्म मजबूत करने पर राजी हुए हैं. इस समारोह में दोनों देशों की सेनाएं और उनके परिवार वाले शामिल हुए. खास बात ये कि ये समारोह दोस्ती और सौहार्द्रपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ.
ऐसी मीटिंग से सरहद पर तैनात दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास का माहौल बनेगा, साथ ही संबंध और भी मजबूत होंगे. इतना ही नहीं, अब भारत और चीन के सैन्य अधिकारी हॉटलाईन से जल्द जुड़ जाएंगे. इससे पहले सीमा पर जब दोनों देशों की सेना के बीच किसी बात को लेकर कोई भी विवाद पर बात करने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता हुआ करता है वो है बीपीएम यानी कि बॉर्डर पर्सनल मीटिंग.
अब हॉटलाईन शुरू होने के बाद दोनों देशों के सेनाओं के डीजीएमओ किसी भी टकराव की हालत में बातचीत करके मामले को आगे बढ़ने से रोक पाएंगे. आपको ये बता दें कि भारत और चीन के बीच करीब 3500 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा है. अब तक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाएं अलग-अलग गश्त लगाती थीं.
टिप्पणियां सरहद पर तनाव घटाने के लिए विवादित इलाकों में दोनों देशों की सेनाएं साझा गश्त भी लगा सकती हैं. सीमा पर पर 23 ऐसे विवादित इलाके हैं जहां पर दोनों देशों के बीच खासा विवाद रहता है. पिछले साल डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों की सेनाएं करीब 70 दिनों तक आमने सामने थीं. बड़ी मुश्किल से ये मामला थमा लेकिन अभी भी सीमा पर तनातनी की खबरें आती रहती हैं और सेनाएं एलर्ट हैं.

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