कर्नाटक चुनाव परिणाम 2018: फिर चला मोदी का जादू, नहीं रंग लाई राहुल की मेहनत

बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद मतगणना जारी है और अब तक आए रुझानों में दक्षिण भारत में एक बार फिर कमल खिलता नजर आ रहा है। 224 में से 222 सीटों के रुझान आ चुके हैं और इनमें भाजपा 114 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है वहीं कांग्रेस 65 सीटों पर आगे है। इनके अलावा कुमारस्वामी की जेडीएस 41 किंग मेकर बनती दिख रही है। रुझानों को देखते हुए बेंगलुरु में भाजपा के मुख्यालय पर जश्न शुरू हो चुका है।

कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया बदामी पर मामूली अंतर से आगे और चामुंडेश्वरी सीट पर पीछे चल रहे हैं वहीं जेडीएस के कुमारस्वामी अपनी सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार येदियुरप्पा शिकारीपुरा सीट से आगे चल रहे हैं। वरुणा से सिद्दरमैया के बेटे यतींद्र आगे चल रहे हैं। दावणगेरे से मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे पीछे चल रहे हैं। बेल्लारी से रेड्डी बंधुओं को शुरुआती बढ़त मिल रही है। एचडी देवेगौड़ा के दोनों बेटे एचडी कुमार स्वामी रामनगर और एचडी रेवन्ना होलनर्सीपुरी आगे चल रहे हैं।

राज्य में 222 सीटों के लिए 12 मई को हुए मतदान के बाद आज चुनाव मैदान में उतरे 2654 उम्मीदवारों की तकदीर का फैसला हो रहा है। इनमें से 216 महिला उम्मीदवार हैं। मतगणना के लिए राज्य के 38 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राज्य में 55000 पुलिसकर्मी तैनात किए हैं जिनमें से 11 हजार तो सिर्फ बेंगलुरु में ही हैं।

आपको बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद आए एग्जिट पोल्स में भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, वहीं जेडीएस को किंग मेकर के रूप में दिखाया गया था। आज देखना होगा कि यह एग्जिट पोल्स कितने सही साबित होते हैं।
मतदान शुरू होने से पहले जहां बड़े नेताओं के मंदिरों में दर्शन का दौर शुरू हो चुका है वहीं भाजपा और कांग्रेस समर्थकों ने भी पूजा-पाठ शुरू कर दी।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

राज्य में मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने राज्य में बने 38 मतगणना केंद्रों के आसपास किसी भी तरह के जुलूस, जश्न और पटाखों पर प्रतिबंध लगा रखा है। बेंगलुरु में तीन विधानसभा के मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं।

नतीजों के बाद

1. भाजपा को बहुमत मिलने पर

भाजपा अगर बहुमत का आंकड़ा हासिल करने में कामयाब रही तो स्पष्ट तौर पर बीएस येद्दियुरप्पा ही कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी किसी दलित चेहरे को उपमुख्यमंत्री भी बना सकती है। अगर दो-चार सीटें कम पड़ीं तो निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाया जा सकता है।

2. कांग्रेस को बहुमत मिलने पर

कांग्रेस को बहुमत मिला तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सिद्धारमैया ही राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। ऐसे में दलित मुख्यमंत्री की मांग के मद्देनजर पार्टी किसी दलित को उपमुख्यमंत्री बना सकती है। एक संभावना किसी लिंगायत को उपमुख्यमंत्री बनाने की भी है। अगर पार्टी बहुमत के आंकड़े से दो-चार सीटें पीछे रह गई तो निर्दलीय विधायक ही उसका सहारा बनेंगे।

3. भाजपा सबसे बड़ी पार्टी

इस स्थिति में भाजपा को जदएस के समर्थन की जरूरत होगी। अगर जदएस 40-50 सीटें हासिल करने में सफल रहा तो 30-30 (आधा-आधा कार्यकाल) फॉर्मूले पर सहमति बन सकती है। लेकिन तब भी भाजपा पहला कार्यकाल जदएस को देने पर शायद ही सहमत हो क्योंकि पूर्व में कुमार स्वामी भाजपा के साथ समझौता करके उससे मुकर चुके हैं।

4. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी

ऐसी स्थिति में पार्टी को जदएस के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों के समर्थन की भी दरकार होगी। हालांकि सरकार गठन की शर्तें जदएस के संख्या बल पर निर्भर करेंगी। इसके अलावा जदएस से कटुतापूर्ण संबंधों के कारण सिद्धारमैया मुख्यमंत्री नहीं बन सकेंगे और कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद के लिए नया चेहरा तलाशना होगा। सियासी हलकों में चर्चा तो यह भी है कि चूंकि कांग्रेस और जदएस दोनों का ही प्रभाव पुराने मैसुरु क्षेत्र में है इसलिए संभव है जदएस कांग्रेस के साथ न जाए।

5. जदएस का मुख्यमंत्री

एक संभावना एचडी कुमार स्वामी के नेतृत्व में जदएस सरकार बनने की भी है। जिसे भाजपा या कांग्रेस बाहर से समर्थन दें। भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जदएस का समर्थन करने पर सहमत हो भी सकती है। इसी तरह, कांग्रेस भी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए जदएस को बाहर से समर्थन दे सकती है। इसके अलावा उसका यह कदम 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी दलों के महागठबंधन में भी सहायक होगा।

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