जमानत पर सुनवाई से पहले कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से मिला बड़ा झटका

नई दिल्ली INX मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति के समन को रद्द करने की अपील को ठुकरा दिया है. इसका मतलब ईडी की तरफ से जारी पूछताछ और कार्रवाई पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर दो दिनों में जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी, जिसमें अंतरिम राहत पर विचार हो सकता है. कोर्ट ने कहा है कि इस नोटिस का असर मामले में चल रही किसी भी जांच पर नहीं पड़ेगा.

गौरतलब है कि कार्ति 5 दिन की रिमांड पर हैं, उनकी रिमांड 6 मार्च को पूरी हो रही है. सीबीआई इस मामले में कार्ति की रिमांड बढ़ाने की अपील भी कर सकती है. थोड़ी देर में पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी.

सुनवाई के दौरान कार्ति के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में ईडी ने कोई FIR दर्ज नहीं की है, ऐसे में ECIR के आधार पर गिरफ्तारी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि कार्ति ने अपने पिता से लिए कर्ज का भुगतान समुचित तरीके से किया, इसे एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग बना दिया.

रिपोर्ट में कहा गया कि कार्ति ने एक नेता को रकम का भुगतान किया, सिब्बल ने कहा कि जबकि वो नेता तो कार्ति के पिता ही हैं. एजेंसियों ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग बना दिया. वहीं ASG तुषार मेहता ने कहा कि कार्ति को राहत देने से दूसरे मुकदमों पर असर पड़ेगा.

गौरतलब है कि कार्ति चिदंबरम INX मीडिया मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. कार्ति ने इस मामले में ईडी के समन के खिलाफ याचिका दायर की थी. याचिका में कार्ति की ओर से कहा गया है कि ईडी और सीबीआई ने इस मामले में अभी तक उनसे जो भी पूछताछ की है, वह मसला एफआईआर में दर्ज ही नहीं है.

जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं कार्ति

फिलहाल कार्ति सीबीआई की हिरासत में हैं और उन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाना है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान कार्ति चिदंबरम बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि वह जांच में किसी तरह से सहयोग नहीं दे रहे हैं. कहा जा रहा है कि मंगलवार को कोर्ट में पेशी के दौरान सीबीआई यही तर्क देकर उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग कर सकती है. सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने से पहले भी यही आरोप लगाए थे.

आपको बता दें कि यह मामला 2007 में पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ रुपये विदेशी फंड हासिल करने से जुड़ा है. आरोप हैं कि आईएनएक्स मीडिया ने फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) क्लीयरेंस हासिल करने में अनियमितता बरती थी. आरोप हैं कि कार्ति की कंपनी को यह फंड दिलवाने के लिए 10 लाख रुपये मिले थे.

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