व्यापम घोटालाः बाप-बेटे सहित पांच लोगों को 7-7 साल की सजा

पांच महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में हुई गड़बड़ियों के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी आरोपियों पर 5-5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने सोमवार को सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा का फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सीबीआई के विशेष न्यायधीश एससी उपाध्याय की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. व्यापम घोटाले के खुलासे के बाद मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने 22 जनवरी 2015 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह मामला जांच के लिए सीबीआई के पास पहुंचा था.

सीबीआई ने इस मामले में 29 गवाहों की सूची पेश की थी. सितंबर 2017 में पहली गवाही हुई थी और पांच महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने बाप-बेटे सहित सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

क्या है मामला
एसटीएफ ने शुरुआती जांच में पुलिस आरक्षक के पद पर चयनित हो चुके नरोत्तम यादव, उसके पिता भगवान सिंह यादव और अविनाश सिंह यादव को गिरफ्तार किया था. जांच सीबीआई के पास पहुंचने के बाद प्रभात मेहता और ऋषभ अग्रवाल नाम के दो और आरोपियों की भूमिका का खुलासा हुआ. पूछताछ में सीबीआई को पता चला कि आरक्षक भर्ती परीक्षा में नरोत्तम के चयन के लिए लाखों रुपए का लेन-देन हुआ है.

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