लोकल गैंगस्टर्स की मदद से छोटा राजन को जेल में ही मरवाने की फिराक में दाऊद

मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के जानी दुश्मन छोटा राजन पर मौत का साया मंडरा रहा है. जी हां, खुफिया एजेंसियों ने खुलाया किया है कि दाऊद दिल्ली के एक लोकल गैंग के जरिए छोटा राजन को ठिकाने लगाने की फिराक में हैं. इसके बाद छोटा राजन की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है.

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद छोटा राजन को मारने की साजिश जेल की चारदीवारी के अंदर ही रची जा रही थी. गैंगस्टर नीरज बवाना डी कंपनी के इशारे पर छोटा राजन को मारने की योजना में था. लेकिन साजिश को अंजाम देने से पहले से ही बवाना गैंग के एक सदस्य ने इसे लीक कर दिया.

जानकारी के मुताबिक, तिहाड़ जेल नंबर-2 में गैंगस्टर नीरज बवाना और अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन एक ही साथ बंद थे. लेकिन खुफिया अलर्ट के बाद दोनों को अलग-अलग कर दिया गया है. छोटा राजन को हाई सिक्योरिटी के बीच जहां जेल नंबर-2 में रखा गया है, वहीं गैंगस्टर नीरज बवाना को तन्हाई सेल में डाला गया है.

ऐसे हुआ था गिरफ्तार

करीब दो दशक से भारतीय पुलिस की आंखों में धूल झोंकने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली से गिरफ्तार किया गया था. फर्जी पासपोर्ट मामले में पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को सात साल की सजा सुनाई है. वह इनदिनों तिहाड़ जेल में बंद है.

कौन है छोटा राजन?

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निकल्जे है. फर्जी पासपोर्ट मामले में छोटा राजन पर आरोप था कि उसने बंगलुरु पासपोर्ट ऑफिस के जयश्री दत्तात्रेय रहाते, दीपक नटवरलाल शाह और ललिता लक्ष्मणन की मदद से फर्जी पासपोर्ट हासिल किया था. यह फर्जी पासपोर्ट उसे मोहन कुमार नाम से इश्यू किया गया था.

ऐसे मिला नया नाम

छोटा राजन का जन्म 1960 में मुंबई के चेम्बूर की तिलक नगर बस्ती में हुआ था. महज 10 साल की उम्र में उसने फिल्म टिकट ब्लैक करना शुरू कर दिया. इसी बीच वह राजन नायर गैंग में शामिल हो गया. जुर्म की दुनिया में नायर को 'बड़ा राजन' के नाम से जाना जाता था. यह नायर का दाहिना था, इसलिए लोग इसे 'छोटा राजन' कहने लगे.

कौन है नीरज बवाना?

दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने साल 2016 में आर्म्स एक्ट के तहत सात साल कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उस पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया. वह कई अपराधों के मामले में तिहाड़ जेल में बंद था. इस सजा को पाने से एक हफ्ते पहले ही वह बरी हुआ था.

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