भोपाल.अशोका गार्डन की रहवासी विजया लक्ष्मी कुलकर्णी एक हफ्ते पहले वोल्टेज ज्यादा होने से नया फ्रिज खराब हो गया। उसे सुधरवाने में उन्होंने तीन हजार रुपए खर्च किए। तीन महीने पहले भी वोल्टेज ज्यादा होने से टेलीविजन खराब हो गया था। इसे भी करीब तीन हजार रुपए देकर सुधरवाना पड़ा। सुभाष नगर के रहवासी आरके सैनी के यहां तीन दिन पहले वाशिंग मशीन खराब हो गई।
- दशहरे के दो दिन बाद वोल्टेज कम होने से काजीपुरा के रहवासी पीयूष अग्रवाल का टीवी खराब हो गया था। पांच महीने में 900 से ज्यादा ऐसी शिकायतें है। वजह है कि बिजली कंपनी शहर के ट्रांसफाॅर्मर्स की सही तरीके से अर्थिंग नहीं कराती। एक्सपर्ट कहते हैं कि 1000 ट्रांसफाॅर्मर्स की अर्थिंग सही तरीके से करते तो इस पर सिर्फ 40 लाख रुपए ही खर्च होते।
यह भी है एक वजह
- ड्राप आउट फ्यूज बांधे जाते हैं। फाल्ट होता है तो यह टूट जाता है तो दो फ्यूज बचते हैं तो एक में वोल्टेज ज्यादा दूसरे में कम हो जाता है।
बिजली चोरी से भी दिक्कत
- बिजली चोरी वाले इलाकों में वोल्टेज की ज्यादा दिक्कत है। इससे लाइन और ट्रांसफाॅर्मर पर लोड बढ़ता है और वोल्टेज कम ज्यादा होता है।
डिमांड भेजी... लेकिन नहीं मिला सामान
- बिजली कंपनी के अमलों ने शहर में धनतेरस से पहले तक पोस्ट मानसून मेंटेनेंस किया है। उससे पहले प्री मानसून मेंटेनेंस किया था। कंपनी प्रबंधन ने अमलों को मेंटेनेंस के लिए जरूरी सामान ही मुहैया नहीं कराया। इस वजह से अमलों ने मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति भर की। जोन दफ्तरों से ़सामानों की डिमांड भी भेजी गई, लेकिन समय पर उन्हें नहीं मिल सका।
अर्थिंग के लिए... सिर्फ 4 हजार का खर्च
- ट्रांसफाॅर्मर की अर्थिंग के लिए आठ फीट गहरा गड्ढा खोदकर उसमें कोयला, नमक और कॉपर प्लेट तीन या चार इंची के पाइप के साथ डाली जाती है। इस अर्थिंग को ट्रांसफार्मर के न्यूट्रल से जोड़ दिया जाता है। इससे वोल्टेज कंट्रोल होता है। यह काम करने पर इस पर करीब चार हजार रुपए खर्च हाेते हैं।
संजय शुक्ला, एमडी, पॉवर मैनेजमेंट कंपनी से सीधी बात
हां, नुकसान की भरपाई कंपनी करेगी
जोन दफ्तरों से सामान की डिमांड गई थी, लेकिन उन्हें नहीं मिला? इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
- समस्या सामान की नहीं बल्कि प्लानिंग के लेवल पर चूक हुई है। कांट्रेक्ट डिजाइन का खाका बदला जाएगा।
पड़ताल में उजागर हुआ कि ट्रांसफाॅर्मर्स की सही अर्थिंग नहीं होने से ऐसा हुआ, क्या कारवाई करेंगे?
- फीडबैक लिया जाएगा, जल्द बैठक भी बुलाएंगे। जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।
नुकसान की भरपाई कंपनी करेगी?
- हां,बिलकुल करेगी। तय प्रक्रिया से सामने आने वाली शिकायतों और निर्णयों के बाद ऐसा किया जाएगा।
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