आतंकी बुरहान वानी की पहली बरसी पर हिंसा की आशंका में घाटी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों का पहरा है। खासकर दक्षिणी कश्मीर में सुरक्षा घेरा काफी मजबूत रहेगा।
अलगाववादियों पर भी सख्ती रहेगी। इन्हें गिरफ्तार करने के साथ ही नजरबंद किया जा सकता है। इस बीच वीरवार को रात से घाटी में सोशल मीडिया साइट्स को बंद करने की हिदायत दी गई है। माहौल बिगाड़ने की साजिश के मद्देनजर शिक्षण संस्थानों को एहतियातन बंद कर दिया गया है।
आईजी कश्मीर मुनीर अहमद खान की ओर से इंटरनेट प्रदाता कंपनियों को जारी आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया साइट्स को या तो ब्लाक कर दिया जाए या फिर अपनी सेवाएं बंद कर दें। यह व्यवस्था अगले आदेश तक जारी रहेगी।
आईजी कश्मीर मुनीर अहमद खान की ओर से इंटरनेट प्रदाता कंपनियों को जारी आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया साइट्स को या तो ब्लाक कर दिया जाए या फिर अपनी सेवाएं बंद कर दें। यह व्यवस्था अगले आदेश तक जारी रहेगी।
ISP को सोशल मीडिया साइट्स बैन करने के आदेश
आदेश में कहा गया है कि देश विरोधी तत्वों की ओर से माहौल को खराब करने की कोशिश की जा सकती है। इस वजह से सभी सोशल मीडिया साइट्स को ब्लाक कर दिया जाए। यदि इन साइट्स को ब्लाक किया जाना संभव न हो तो वीरवार रात से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी जाएं।
सूत्रों का कहना है कि प्रशासन एहतियातन पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा स्थगित करने पर भी विचार कर रहा है। प्रशासन ने बुरहान वानी के पैतृक गांव त्राल तथा आसपास के इलाकों में लोगों के एकत्र होने पर भी पाबंदी लगा दी है।
ज्ञात हो कि पिछले साल आठ जुलाई को बुरहान वानी मुठभेड़ में मारा गया था। इसके बाद लगभग पांच महीने तक घाटी में हिंसा का दौर चला था। हिंसक झड़पों में 85 लोगों की जान चली गई थी और एक हजार से अधिक लोग घायल हुए थे।
सूत्रों का कहना है कि प्रशासन एहतियातन पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा स्थगित करने पर भी विचार कर रहा है। प्रशासन ने बुरहान वानी के पैतृक गांव त्राल तथा आसपास के इलाकों में लोगों के एकत्र होने पर भी पाबंदी लगा दी है।
ज्ञात हो कि पिछले साल आठ जुलाई को बुरहान वानी मुठभेड़ में मारा गया था। इसके बाद लगभग पांच महीने तक घाटी में हिंसा का दौर चला था। हिंसक झड़पों में 85 लोगों की जान चली गई थी और एक हजार से अधिक लोग घायल हुए थे।
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Jammu and Kashmir