आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे जाट आंदोलन के उग्र होने के चलते निजामुद्दीन-कोटा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा कोटा-पटना एक्सप्रेस ट्रेन का भी मार्ग कम कर मथुरा से कर दिया गया है। साथ ही दो अन्य ट्रेनों का रूट में भी बदलाव किया गया है। जाट आरक्षण आंदोलन की आग अब 5 राज्यों तक पहुंच चुकी हैं और आंदोलन कर रहे जाट आंदोलनकारियों ने कई स्टेशन पर रेललाइन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है।
बता दें कि धौलपुर-भरतपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार को भी जयपुर—आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है। जगह—जगह लगे जाम के कारण राजमार्ग पर ट्रैफिक पूर्ण रुप से बाधित है। वहीं आंदोलन के कारण बांदीकुई-आगरा रेलमार्ग भी प्रभावित है। जाट आरक्षण को लेकर हो रहे आंदोलन के दूसरे दिन भी संघर्ष समिति व सरकार के बीच वार्ता सुबह दस बजे होगी। इससे पूर्व शु्क्रवार को हुई वार्ता बेनतीजा रही थी।
गौरतलब है कि आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे भरतपुर और धौलपुर के जाटों के समर्थन में पांच राज्यों के जाट आ गए। राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के साथ यूपी, हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश में भी धरने दिए जाएंगे। जाटों ने राजस्थान सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया था। 25 जून से राजस्थान कूच होगा। आज इन राज्यों के जाट नेता आंदोलन कर रहे जाटों के साथ बैठक करेंगे।
भरतपुर और धौलपुर जनपद के जाट आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। गुरुवार को जाटों ने भरतपुर के बहज गांव में मथुरा-अलवर रेलमार्ग को जाम कर दिया था। शुक्रवार को भी यहां ट्रैक पर जाट नेता जमे रहे। शुक्रवार को मथुरा-मुंबई रेलमार्ग को भी भरतपुर के गांव धौरमई और ररह में जाम कर दिया गया।
यहां ट्रैक पर जमे जाट नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वह हटेंगे नहीं। वहीं इन दो जनपदों के जाटों के समर्थन में राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के साथ आसपास के राज्यों का जाट समाज भी आ गया है। उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में जाट पहुंच गए। हरियाणा और पंजाब ने भी अपना समर्थन दे दिया है। मध्यप्रदेश के जाट भी तैयार हैं।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरपाल सिंह बहज में पहुंचे और ट्रैक जाम किए बैठे जाटों को अपना समर्थन दिया। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल सिंह मलिक ने बताया कि 24 जून को आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। समर्थन में एक साथ पांच राज्यों में आंदोलन होंगे। धरने-प्रदर्शन किए जाएंगे। सड़कों को जाम किया जाएगा।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति धौलपुर-भरतपुर के संयोजक नैन सिंह फौजदार ने कहा कि इस बार आरक्षण लेने के बाद ही जाट ट्रैक से हटेगा। सरकार काफी दिनों ने आश्वासन दे रही है लेकिन आज तक कुछ हो नहीं पाया।
गौरतलब है कि आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे भरतपुर और धौलपुर के जाटों के समर्थन में पांच राज्यों के जाट आ गए। राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के साथ यूपी, हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश में भी धरने दिए जाएंगे। जाटों ने राजस्थान सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया था। 25 जून से राजस्थान कूच होगा। आज इन राज्यों के जाट नेता आंदोलन कर रहे जाटों के साथ बैठक करेंगे।
भरतपुर और धौलपुर जनपद के जाट आरक्षण की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। गुरुवार को जाटों ने भरतपुर के बहज गांव में मथुरा-अलवर रेलमार्ग को जाम कर दिया था। शुक्रवार को भी यहां ट्रैक पर जाट नेता जमे रहे। शुक्रवार को मथुरा-मुंबई रेलमार्ग को भी भरतपुर के गांव धौरमई और ररह में जाम कर दिया गया।
यहां ट्रैक पर जमे जाट नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वह हटेंगे नहीं। वहीं इन दो जनपदों के जाटों के समर्थन में राजस्थान के अन्य क्षेत्रों के साथ आसपास के राज्यों का जाट समाज भी आ गया है। उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में जाट पहुंच गए। हरियाणा और पंजाब ने भी अपना समर्थन दे दिया है। मध्यप्रदेश के जाट भी तैयार हैं।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरपाल सिंह बहज में पहुंचे और ट्रैक जाम किए बैठे जाटों को अपना समर्थन दिया। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल सिंह मलिक ने बताया कि 24 जून को आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। समर्थन में एक साथ पांच राज्यों में आंदोलन होंगे। धरने-प्रदर्शन किए जाएंगे। सड़कों को जाम किया जाएगा।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति धौलपुर-भरतपुर के संयोजक नैन सिंह फौजदार ने कहा कि इस बार आरक्षण लेने के बाद ही जाट ट्रैक से हटेगा। सरकार काफी दिनों ने आश्वासन दे रही है लेकिन आज तक कुछ हो नहीं पाया।
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