शिवसेना का आरोप- मोदी सरकार ने 100 करोड़ हिंदुओं को दिया धोखा

मुंबई।  शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। जानकारी के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र संघ में मानवाधिकार परिषद के अधिवेशन में अटॉर्नी जनरल द्वारा भारत को 'धर्मनिरपेक्ष' देश बताने पर शिवसेना ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर १०० करोड़ हिंदुओं के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। शिवसेना ने कहा कि बीजेपी को देशभर और विशेष रूप से यूपी में हिंदुत्व के नाम पर जीत मिली है। अब बीजेपी ने लोगों के साथ विश्वासघात किया है। इस सरकार पर धोखा देने का मामला दर्ज होना चाहिए। 
भारत को हिंदू राष्ट्र कहने में कैसी शर्म?
शिवसेना ने मोदी सरकार से सवाल किया गया है कि जब पूरी दुनिया में ५६ इस्लामिक देश हैं। चीन, जापान, श्रीलंका और म्यांमार बौद्ध धर्म देश हैं और अमरीका, रूस समेत पूरा यूरोप क्रिस्चन है तो फिर भारत को हिंदू राष्ट्र कहने में कैसी शर्म? 'सामना' में लिखा गया, 'सच तो यह है की यह देश हिंदू राष्ट्र ही है। देश की आत्मा, संस्कार, संस्कृति सब हिंदुत्व का ही है। १९४७ में धर्म के नाम पर पाकिस्तान का निर्माण होने के बाद बचा हुआ देश हिंदुस्तान यानी हिंदू राष्ट्र ही माना जाना चाहिए। पार्टी ने कहा कि पाकिस्तान के निर्माण के बाद भी जो करीब २ करोड़ मुसलमान बचे रह गए। उनकी खुशामद के लिए हम स्वयं को 'धर्मनिरपेक्ष' कहलाने में धन्य समझते रहे। उनके २ करोड़ आज २२ करोड़ हो गए और यह २२ करोड़ धर्म के नाम पर हम पर भारी पड़ रहे हैं।
अचानक सेक्युलर कैसे हो गए?
शिवसेना के मुताबिक, हिंदू राष्ट्र का मतलब ये नहीं है कि सभी लोग लुंगी और सूट-बूट छोड़कर पीतांबर पहने, चोटी-जनेऊ रखें, बल्कि वे इस मातृभूमि का वंदन करें, सामान नागरिक कानून का पालन करें, वंदे मातरम का जयघोष करें। 'सामना' में लिखा गया है कि अगर यह देश धर्मनिरपेक्ष ही रहेगा तो राम मंदिर का निर्माण ढोंग और गोवंश हत्या पर पाबंदी एक दिखावा और वोटों की राजनीति कहलाएगी। 'गर्व से कहो, हम हिंदू हैं' वालों का राज इन दिनों देश में है, फिर भी अचानक सेक्युलर कैसे हो गए?

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