श्मशान घाट पर अजीबोगरीब जालसाजी का पर्दाफाश

 



उज्जैन। चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर मंगलवार शाम एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। कुछ युवक बिना शव लाए ही लकड़ी और कंडे खरीदने पहुंचे और मृतक के नाम से रसीद भी कटवा ली। कर्मचारियों को शक हुआ तो जांच में पूरा मामला जालसाजी का निकला। दरअसल, युवकों ने अपने पिता की पुरानी मृत्यु-रसीद गुम होने पर नया प्रमाण पत्र बनवाने के लिए यह साजिश रची थी।

बिना शव आए कटवाई रसीद

मंगलवार शाम ड्यूटी पर मौजूद तरुण पिता रेणु कुमार खत्री को कुछ युवक अंतिम संस्कार के नाम पर लकड़ी-कंडे की मांग करते हुए मिले। उन्होंने मृतक का नाम लालचंद बताते हुए पूरी डिटेल रसीद में भरवा दी। लेकिन कर्मचारियों को शक तब हुआ जब तीन–चार लोग ही आए और उनके पास शव नहीं था। पूछताछ पर युवक घबरा गए। शवदाह गृह में जांच की गई तो वहां कोई शव नहीं मिला। तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस को सूचना दी गई।

पुरानी रसीद गुम, नई पाने की कोशिश

पुलिस पूछताछ में युवकों ने बताया कि उनके पिता लालचंद की मौत 2024 में हो चुकी थी और अंतिम संस्कार चक्रतीर्थ पर ही हुआ था। लेकिन उस समय की रसीद गुम हो गई। जमीन के दस्तावेज तैयार करवाने के लिए उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र चाहिए था। उन्हें किसी ने सलाह दी थी कि पुरानी तारीख की रसीद आसानी से नहीं मिलेगी, इसलिए नया तरीका अपनाना पड़ा। युवक नीमच के निवासी हैं जबकि मृतक लालचंद उज्जैन में रहते थे।

‘साजिश की जरूरत नहीं थी’

चक्रतीर्थ ट्रस्ट अध्यक्ष अशोक प्रजापत ने स्पष्ट किया—
“यदि किसी की मृत्यु के बाद रसीद गुम हो जाए तो परिजन शपथ पत्र और पहचान पत्र प्रस्तुत कर आसानी से उसी तारीख की रसीद प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए किसी तरह की जालसाजी की आवश्यकता नहीं थी।”

पुलिस ने लिया हिरासत में

जीवाजीगंज थाना प्रभारी विवेक कनौडिया ने बताया कि चक्रतीर्थ ट्रस्ट से शिकायत मिलने पर दो युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है और जालसाजी को लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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