मप्र हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कोई अंतरजातीय विवाह कर रहा है, तो नहीं की जाएगी किसी पर कार्रवाई



मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने अंतरजातीय विवाह पर बड़ा फैसला सुनाया है। फैसले के अनुसार दो पूर्ण बालिग लोग अंतरजातीय विवाह करने के लिए स्वतंत्र हैं। बता दें कि कोर्ट ने 8 याचिकाओं पर सुरक्षित रखा अपना अंतरिम आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि मर्जी से अंतरजातीय विवाह करने पर कार्रवाई नहीं की जाए।
क्या है मामला ?

मामला मध्यप्रदेश शासन द्वारा लागू मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य एक्ट 2021 की संवैधानिक वैधता को चुनौती से संबंधित है। अधिनियम की धारा 10 को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने धारा 10 के उल्लंघन पर कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। बता दें कि धारा 10 में धर्म परिवर्तन के इच्छुक को कलेक्टर को आवेदन देने की शर्त लगाई गई थी।
कोर्ट ने तीन हफ्तों में मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने इस सिलसिले में राज्य सरकार से तीन हफ्तों में जवाब मांगा है। भोपाल निवासी एलएस हरदेनिया और आज़म खान सहित 8 लोगों ने याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें एक्ट की धारा 10 को धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के बताया है।

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