इंदिरा ने रेडियो पर किशोर कुमार की आवाज कर दी थी बैन, इस वजह से थीं नाराज



नई दिल्ली: आजाद भारत के इतिहास के काले अध्याय यानी आपातकाल के 47 साल पूरे हो गए हैं। 25-26 जून 1975 की रात को ही इंदिरा गांधी की सरकार ने इमरजेंसी लागू की थी। उस दौरान बड़ी संख्या में नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्र नेताओं आदि को जेल में डाल दिया गया। इस इमरजेंसी से बॉलीवुड भी अछूता नहीं रहा। कुछ कलाकार तो सरकार के पक्ष में खड़े हो गए थे, लेकिन किशोर कुमार ने साथ आने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उनको परेशान करने के लिए तत्कालीन सरकार ने एक नया रास्ता खोज निकाला।

20 सूत्रीय प्रोग्राम को करना था प्रमोट दरअसल इंदिरा गांधी के बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों के साथ काफी अच्छे संबंध थे। आपातकाल लगाने के बाद उनकी टीम ने एक प्लान बनाया, जिसमें बॉलीवुड के सितारों द्वारा ऑल इंडिया रेडियो पर सरकार के 20 सूत्रीय प्रोग्राम को प्रमोट करना था। इसके लिए बड़े कलाकारों को संदेश भेजा गया, जिसके बाद कई सितारों ने सरकार की नीतियों को रेडियो पर सही बताना शुरू कर दिया।

ऑल इंडिया रेडियो पर गाने बैन 1975 में किशोर कुमार की आवाज के लाखों दिवाने देश में थे। उनके पास भी सरकार का संदेश पहुंचा, जिसमें उनसे ऑल इंडिया रेडियो पर सरकार के लिए एक गाना गाने को कहा गया, लेकिन किशोर दा इसके लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में बिना इंदिरा गांधी का नाम लिए कह दिया कि मैं किसी के आदेश पर गाने नहीं गाता। कुछ ही देर में ये बात दिल्ली के गलियारों में पहुंच गई। इसके बाद इंदिरा गांधी और संजय गांधी के करीबी तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ला ने ऑल इंडिया रेडियो पर किशोर कुमार के गाने बैन कर दिए। ये बैन इमरजेंसी के खत्म होने तक जारी रहा। उस दौरान किशोर कुमार की आवाज रेडियो पर नहीं सुनाई दी थी।

जब गुलजार की फिल्म की बैन इमरजेंसी के वक्त इंदिरा गांधी ने फिल्मों को पूरी तरह से बैन कर दिया था। उनको इस बात का डर था कि फिल्म मेकर्स कुछ ऐसा दिखा सकते हैं, जो सरकार के हित में ना हो। उस वक्त गुलजार की फिल्म 'आंधी' भी बनकर तैयार थी, जिसमें सुचित्रा सेना और संजीव कुमार मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म को भी रिलीज करने की इजाजत इंदिरा सरकार ने नहीं दी थी।


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