बिजली संकट : कोल इंडिया का राज्यों के पास 20 हजार करोड़ बकाया, मंत्रालय ने की वसूली की तैयारी



नई दिल्‍ली । देश में कोयला संकट (coal crisis) से बिजली संकट (power crisis) का खतरा मंडरा रहा है। इसी बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्यों के पास कोल इंडिया (Coal India) का करीब 20 हजार करोड़ रुपये बकाया है। कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल बड़े डिफॉल्टर हैं। कोयला मंत्रालय (ministry of coal) ने चार राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान को पत्र लिखकर बकाया अदा करने को कहा है।

देश में कोयले के संकट के बीच बिजली संकट गहराने की आशंका के बीच कोयला मंत्रालय ने ये तक कह दिया है कि वे राज्यों को जनवरी से पत्र लिखकर स्टॉक लेने के लिए कह रहा था, लेकिन राज्यों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बकाए के बावजूद राज्यों को कोयले की आपूर्ति लगातार की गई है। कोयला मंत्रालय ने बताया है कि झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के पास भी कायले की खदानें हैं, लेकिन इन राज्यों ने बहुत कम मात्रा में खनन किया या नहीं किया।





कोयला मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि राज्यों द्वारा कोयले का खनन न करने और कोल इंडिया से कोयला न लेने के कारण भी बिजली संकट गहराने की स्थिति बनी है। कोयला मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कोयले का अत्यधिक भंडारण इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि आग लगने का खतरा है।

किस पर कितना बकाया
राज्य बकाया राशि (करोड़ रुपये में)
महाराष्ट्र 3176.1
उत्तर प्रदेश 2743.1
पश्चिम बंगाल 1958.6
तमिलनाडु 1281.7
राजस्थान 774


आयातित कोयला महंगा होने से बिगड़ी स्थिति
देश में कोयले के संकट का एक कारण आयातित कोयले का महंगा होना है। एक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2021 में आयातित कोयले की कीमत 4200 रुपये टन थी जो सितंबर अक्तूबर में बढ़कर 11,520 रुपये टन हो गई। इससे भी बिजली उत्पादन की व्यवस्था लड़खड़ाई है। केंद्र ने कहा है कि अगले पांच दिनों में वे कोयले का उत्पादन 1.94 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन करेगा।

आंध्र प्रदेश में बिजली कटौती की तैयारी
आंध्र प्रदेश में बिजली बचाने के लिए दशहरा के बाद बिजली कटौती की तैयारी हो गई है। राज्य सरकार ने कहा है कि सात साल में पहली बार इस तरह के हालात बने हैं। राज्य सरकार एक दिन में 45 लाख यूनिट की भरपाई या बचत बिजली कटौती से करना चाहती है।

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