लंबे समय तक सेवा करने के बावजदूद नौकर या केयरटेकर नहीं हो सकते संपत्ति के मालिक: सुप्रीम कोर्ट





नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि नौकर या केयरटेकर संपत्ति में कभी भी कोई अधिकार नहीं ले सकते चाहे वह उसमें लंबे समय से क्यों न रह रहे हों। यह कहते हुए शीर्ष अदालत ने सत्र न्यायालय और कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसलों को निरस्त कर दिया, जिसमें संपत्ति पर नौकर के दावे को स्वीकार कर लिया गया था। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और ए.एस. ओका की पीठ ने यह फैसला देते हुए नौकर को आदेश दिया कि वह संपत्ति को तीन माह के अंदर खाली कर उसका कब्जा मालिक को सौंप दे। अदालत ने कहा कि यदि वह कब्जा नहीं देता तो उस पर कानूनी रूप से कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने इसके साथ ही मालिक की सीपीसी के आदेश 7 और नियम 11 की अर्जी स्वीकार कर ली और कहा कि नौकर का संपत्ति में कोई हक अर्जित नहीं होता। अदालत ने कहा कि नौकर या केयरटेकर प्रतिगामी कब्जे (एडवर्स पजेशन) का दावा भी नहीं कर सकता क्योंकि वह संपत्ति पर मालिक द्वारा देखभाल के वास्ते रखा गया है जिसका वह कोई किराया या अन्य कोई राजस्व नहीं दे रहा था।

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