Coronavirus 2nd Wave: कोरोना वायरस से बचाव के लिए केवल मास्क पहनना काफी नहीं, अन्‍य सावधानियां भी बरतनी हैं जरूरी



Coronavirus 2nd Wave Precautions : देशभर में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. चिंता की बात ये है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर अब बड़ों के साथ साथ बच्‍चों को भी अपनी चपेट में ले रही है. पिछले साल भी कोरोना काफी तेजी से फैला था लेकिन इस बार हालात बेकाबू लग रहे हैं. कोविड के म्यूटेंट हो जाने और कई आक्रामक स्ट्रेन की वजह से इस बार हालात और भी भयानक रूप लेता नजर आ रहा है. ऐसे में मास्क पहनने और सोशल गैदरिंग (Social Gathering) से बचना पहले से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. यह समझना बेहद ज़रूरी है कि कोविड-19 वायरस पर्सन टू पर्सन फैलने वाला वायरस है इसलिए अंजाने में भी किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से आप इसकी चपेट में आ सकते हैं. डॉक्टर भी लगातार यह सलाह दे रहे हैं कि कोरोना वायरस के दूसरे वेव से बचने के लिए आप सोशल गैदरिंग से बचें और तमाम प्रिकोर्शन फॉलो करें. नेशनल हेराल्‍ड ने एक रिपोर्ट छापी है जिसमें जाने माने डॉक्‍टर्स ने बताया है कि आखिर किन बुनियादी उपायों के अभाव में लोग संक्रमित हो रहे हैं और देश में केस तेजी से बढ़ रहा है.
सोशल डिस्‍टेंसिंग जरूरी

डॉक्‍टरों का कहना है कि भारत में कोविड-19 के मामले इसीलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि लोग हाथ धोना, मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बनाए रखने जैसे सावधानी के आम बुनियादी सुरक्षात्मक और निवारक उपाय नहीं कर रहे हैं. सोशल डिस्‍टेंसिंग की तत्काल जरूरत है-कम से कम छह फीट की दूरी. लोगों को यह समझने की ज़रूरत है कि यह वायरस हवा में बूंदों के माध्यम से फैल रहा है. हम कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं जहां बहुत सावधान और सतर्क रहने की ज़रूरत है.



केवल मास्‍क पहनना जरूरी नहीं

अगर आपने मास्क पहना है लेकिन सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियम नहीं मान रहे हैं या आपकी मास्क नाक के नीचे है तो भी आपको कोविड-19 से संक्रमित होने का ख़तरा है. उन्‍होंने कहा कि किसी भी समय अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें. यही नहीं, अपनी मास्क को सही तरीके से पहनें. मास्क को साबुन या डिटरजेंट से धोते रहें और पहनते वक्त उसे बार बार छूएं नहीं. ये छोटी-छोटी सावधानियां ही आपकी ज़िंदगी बचा सकती है.

कोविड वायरस से संक्रमण से ऐसे बचें

अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक, जब सस्‍पेक्‍टेड कोविड पेशेंट घर के अंदर रहता है तो उस जगह की हवा में मिनट से लेकर घंटों तक वायरस रह सकता है. उसकी श्वसन की बूंदें या छोटे छोटे कण वहां की हवा, सतहों, वेंटिलेशन, तापमान और आर्द्रता के आधार पर वहां मौजूद रहता है. ऐसे में लगातार मास्क पहनने और सही तरीके से पहनने से घर के अंदर और सतहों पर मौजूद वायरस के ख़तरे को कम किया जा सकता है.


संक्रमित स्‍थान पर कम से कम 24 घंटे तक रहता है असर

सीडीसी ने एपिडेमियोलॉजिक और एक्सपेरीमेंटल डाटा पर आधारित एक शोध के हवाले से कहा है इस संक्रमण का ख़तरा तब और बढ़ जाता है अगर आप ऐसी जगह जा रहे हैं जहां कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति भी गया हो. यह ख़तरा 24 घंटों बाद ही कम हो सकता है. ऐसे में इस ख़तरे को कम करने के लिए उस जगह के वेंटीलेशन को बढ़ाना होता है और वहां प्रवेश करने से पहले जितना हो सके उतना इंतज़ार करना होता है. इन जगहों पर मास्क, फेस शील्ड या गॉगल्स जैसी चीज़ों का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है.

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