हवन-यज्ञ हमारी पुरातन परंपरा है। यह शुद्धिकरण का प्रभावकारी उपाय है। हवन में उत्पन्न औषधीय धुआं हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह वातावरण को शुद्ध करता है और हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। माना जाता है कि हवन के औषधीय धुएं का असर 30 दिन तक बना रहता है।
घर या प्रतिष्ठान में मौजूद वास्तु दोषों को दूर करने में भी हवन यज्ञ बहुत प्रभावकारी उपाय है। अग्नि ही यज्ञ के प्रधान देवता हैं। अग्नि को ईश्वर स्वरूप माना जाता है। अग्नि जहां रहती है वहीं प्रकाश फैलता है। हवन यज्ञ करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार रोजाना घर या प्रतिष्ठान में धूप जलाने से वास्तु दोष दूर हो जाता है। घर में रोजाना सुबह-शाम कर्पूर जलाने से तनाव दूर रहता है। रात्रि में सोने से पहले पीतल के बर्तन में घी में भीगा हुआ कर्पूर जलाएं। एक कंडे में गुड़ की धूप और घी मिलाकर जलाने से गृह कलह नहीं होता है। घर में गुग्गुल की धूप जलाने से शांति बनी रहती है। नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए पीली सरसों के दानों को जलाएं। गुग्गुल की धूप जलाने से रोगों का नाश होता है। घर में कच्चे नीम पत्ती की धूनी जलाएं। इससे हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं और वास्तु दोष भी दूर होता है। धूप, आरती, दीप, पूजा अग्नि को कभी भी मुख से फूंक मारकर न बुझाएं।
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