अजब-गजब: बिना सैंपल लिए ही बना दिया कोरोना पॉजिटिव

Madhya Pradesh: धार जिले में covid-19 की जांच के लिए बिना नमूना लिये ही एक दर्जन से अधिक लोगों को कोरोना संक्रमित होने का संदेश भेज दिया गया, इसके चलते निसरपुर ब्लाक के तहत टाना गांव के निवासी दहशत में आ गये थे. इस मामले के सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने नमूने संग्रह के कार्य में शामिल दो कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है. गांववालों ने कहा-बिना नमूने के जांच कर दी, मार डालोगे क्या. 
जिला कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि इस लापरवाही के लिये जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की गयी है.उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में आशा कार्यकर्ताओं के ब्लाक समन्वयक (बीसीएम) और एक तकनीशियन की लापरवाही का पता चला है. संभवत: कुछ लोगों के जमा किये गये नमूने उन लोगों की किट के साथ भेज दिये गये जिनके नमूने ही नहीं लिये गये थे.
कलेक्टर ने बताया कि बीसीएम बच्चन मुजाल्दा और तकनीशियन गुमान सिंह की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गयी हैं. उन्होंने कहा कि एक सब डिविज़नल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को जांच के लिये भेजा गया है. सोमवार को कोरोना से संक्रमित संदेश पाने वाले 12 ग्रामीणों में से एक ने बताया कि जब टाना गांव में नमूने एकत्र किये जा रहे थे तब वह भोपाल में था. 
उसने बताया, ‘‘जब गांव से नमूने एकत्र किये गये थे तब मैं भोपाल में था. गांव से केवल चार नमूने एकत्र किये गये थे और स्वास्थ्य विभाग के एक दल ने नमूने लिये बिना ही 15 लोगों के नाम और अन्य विवरण दर्ज कर लिया था. जिन लोगों के नाम दर्ज किये गये उनमें से अधिकतर लोग उस समय गांव में ही नहीं थे.’’
इस मामले में बर्खास्त तकनीशियन गुमान सिंह ने दावा किया कि विभिन्न गाँवों के निवासी लंबे समय से एकत्र नमूनों के गलत परिणामों के बारे में शिकायत कर रहे हैं, इसीलिये 20 टेस्ट किट बिना स्वाब के नमूने के प्रयोगशाला में भेजे गये थे. स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार मध्यप्रदेश में 15 सितंबर तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 93,053 हो गयी है.


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