शगुन शास्त्र: कौए को पानी पीते हुए देखना मानते हैं बेहद शुभ, जानिए कब होता है अपशगुन

सनातन धर्म में शगुन और अपशगुन मानते हैं। मान्यता है कि अगर कोई शुभ कार्य के लिए घर से निकले और बिल्ली रास्ता काट दे या कोई छींक दे तो यह अपशगुन होता है। हालांकि अभी तक इन बातों का वैज्ञानिक तर्क नहीं है, लेकिन कई शगुन और अपशगुन को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ शुभ संकेत और अपशगुन कौए से भी जुड़े हुए हैं। पिृतपक्ष में दौरान कौए को ग्रास दिया जाता है। मान्यता है कि कौए पितर का रूप होते हैं। जानिए कौए से जुड़े कुछ शुभ और अशुभ संकेतों के बारे में-
अगर सुबह-सुबह घर के बाहर कौआ बोलता हुआ दिखे तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। माना जाता है कि कोई मेहमान घर आने वाला है। यह धन लाभ और मान-सम्मान में वृद्धि का भी संकेत माना जाता है।
माना जाता है कि अगर कौआ किसी महिला पर बैठ जाता है तो उसके पति के जीवन में मुश्किलें आने वाली हैं। इसके अलावा कौए को तेज आवाज में सुनना और पंख फड़फड़ाते हुए देखना भी अपशगुन माना जाता है।

अगर रास्ते में कौआ आपको पानी पीता हुआ दिखाई दे तो यह धन लाभ का संकेत माना जाता है। कहते हैं कि कौए को पानी पीते हुए देखना सफलता का भी संकेत माना गया है।
अगर कौआ चोंच में रोटी का टुकड़ा दबाए हुए नजर आता है तो यह धन लाभ का संकेत माना जाता है।
मान्यता है कि अगर पीछे की ओर से कौए की आवाज सुनाई देती है, तो परेशानियां जल्द खत्म होने वाली हैं। कौए का भूमि पर चोंच मारते हुए देखना भी शुभ संकेत माना गया है। कहते हैं कि यह धन लाभ का संकेत होता है।

घर की अचानक कौए का झुंड आकर तेज आवाज में बोलने लगे तो यह अपशगुन माना जाता है। घर की छत पर कई कौए बैठ जाएं तो यह संकट का संकेत है।

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