CWC की बैठक में बवाल, राहुल गांधी के आरोपों पर भड़के आजाद और सिब्बल

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की, जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के कई नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया.
सूत्रों के अनुसार, CWC की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष के तौर अब काम नहीं करना चाहती हैं. एक सूत्र ने कहा कि इसके बाद मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें.
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई CWC की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है. कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच CWC की बैठक चल रही है.
इस बैठक में राहुल गांधी ने अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि जिस वक्त पत्र भेजा गया उस समय सोनिया गांधी बीमार थी. उन्होंने पत्र के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कांग्रेस मध्य प्रदेश और राजस्थान के सियासी संकट का सामना कर रही थी, जब अध्यक्ष बीमार थी, तब ही चिट्ठी क्यों भेजी गई.
इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा हैं और पलटवार कर रहे हैं. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बैठक के दौरान ही ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं.
मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं.
इसके अलावा बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर वह किसी भी तरह से भाजपा से मिले हुए हैं, तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे. आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस की कार्यसमिति थी.
आपको बता दें कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है कि जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके.
सोमवार को हुई इस बैठक में इस चिट्ठी को लेकर काफी विवाद हुआ, सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. हालांकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने ऐसा करने से इनकार किया. साथ ही चिट्ठी लिखने वालों पर राहुल गांधी जमकर बरसे और उन्होंने इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़े कर दिए.

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