जापान के इस मंदिर में आज भी सुरक्षित रखी हैं 'नेताजी सुभाषचंद्र बोस' की अस्थियां

टोक्यो: देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 75वीं पुण्यतिथि है. किन्तु मौत के 75 वर्ष गुजर जाने के बाद भी कई सवाल लोगों के जेहन में हैं. नेताजी की मौत, प्लेन क्रैश पर संदेह के साथ-साथ एक बड़ा सवाल यह भी है कि यदि जापान में रखी अस्थियां सचमुच नेताजी की हैं, तो उन्हें अबतक भारत क्यों नहीं लाया गया है ?
दरअसल, आज़ाद हिन्द फ़ौज के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस की अस्थियां टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में संरक्षित हैं. बताया जाता है कि ताइवान की राजधानी ताइपे में हुए विमान हादसे के बाद नेताजी का देहांत हो गया था. फिर उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया और उनके अंतिम अवशेष टोक्यो पहुंचाए गए, जहां सितंबर 1945 से ही उनके अवशेष रेंकोजी मंदिर में सुरक्षित रखे हुए हैं.
जापान से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अस्थियों को आज तक भारत क्यों नहीं लाया गया है, इसपर सब अलग-अलग कारण बताते हैं. कोई इसे सियासी इच्छाशक्ति की कमी, तो कोई इसे जापान का षड्यंत्र बताता है. भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि जब वह पीएम चंद्रशेखर के कैबिनेट में मंत्री बने तो उनके पास एक अजीब आग्रह आया था. इस आग्रह में जापान ने कहा था कि रिंकोजी मंदिर मे जो अस्थियां रखी हैं, उन्हें आप भारत ले जाइए, किन्तु शर्त ये है कि आप इसका DNA टेस्ट नहीं कराएंगे. वहीं नेताजी का परिवार अस्थियों का DNA टेस्ट कराने पर जोर दे रहा है.

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