मप्र : हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर किया बड़ा फैसला

जबलपुर: एक तरफ जहां देश सहित प्रदेश में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ अभिभावकों को बच्चों की फीस की चिंता लगी हुई है। इसी बीच निजी स्कूल लगातार अभिभावकों पर मनमानी फीस का दबाव बना रहे हैं।जिस पर अब हाईकोर्ट ने अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए निजी स्कूलों पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई भी स्कूल फीस ना भरने पर बच्चों को अपने स्कूल से बेदखल नहीं कर सकता है।
दरअसल मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली को लेकर सीबीएसई बोर्ड ने अब तक हाईकोर्ट में जवाब पेश नहीं किया है। जिसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए सीबीएसई को जवाब पेश करने की अंतिम मोहलत भी दे दी है।जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा है कि सीबीएसई से सभी पक्षकारों को 24 अगस्त तक अपना पक्ष पेश करना है। वहीं हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि आगामी आदेश तक अंतरिम आदेश को जारी रखा जाएगा। और इसके तहत प्रदेश में कोई भी स्कूल(school) अभिभावकों द्वारा फीस न भर पाने पर अपने स्कूल से किसी भी बच्चों को बाहर नहीं कर सकता है।वही आज की सुनवाई में याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मंच की ओर से संशोधन आवेदन भी पेश किया गया। जिसमें राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया है कि ट्यूशन फीस और ऑनलाइन पढ़ाई का टाइम टेबल तय किया जाना चाहिए।
बता देगी संक्रमण काल में एक तरफ जहां लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है वहीं निजी स्कूल लगातार मनमानी फीस वसूली कर रहे हैं। वहीं अभिभावकों द्वारा फीस ना जमा करने पर वह स्कूलों से बच्चों के नाम भी काट रहे हैं जिस पर अब हाईकोर्ट ने सख्त फैसला लेते हुए अंतरिम आदेश के पालन की बात कही है। वहीं निजी स्कूल के मनमानी फीस को मामले में भी सीबीएसई को आखिरी मोहलत दी है।

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