मध्य प्रदेश: जज के पूरे परिवार को खत्म करना चाहती थी महिला मित्र, आटे में मिलाकर दिया था जहर

मध्य प्रदेश के बैतूल जिला न्यायालय में पदस्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेन्द्रकुमार त्रिपाठी और उनके पुत्र अभियानराज त्रिपाठी की साजिश रचकर जहर देकर हत्या की गई थी। यह साजिश मृतक एडीजे की महिला मित्र ने अपने 5 साथियों के साथ मिलकर रची थी। महिला मित्र उनके पूरे परिवार को मौत के घाट उतारना चाहती थी, लेकिन छोटा बेटा आशीष राज त्रिपाठी और पत्नी उनका शिकार बनने से बच गए। 
पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मूलत: रीवा जिले की रहने वाली और वर्तमान में छिंदवाड़ा में रह रही एनजीओ संचालिका संध्या सिंह से एडीजे के 10 वर्ष से संबंध थे और लगातार उनके घर आना जाना रहता था। एनजीओ का संचालन करने एवं अन्य कार्यों के लिए धनराशि भी दी जाती रही है। पिछले कुछ दिनों से एडीजे अपने परिवार को अधिक समय दे रहे थे जिससे संध्या सिंह स्वयं को अकेला महसूस करने लगीं और कुछ लेनदेन को लेकर भी दोनों के बीच कटुता बढ़ गई थी। इसी बात से नाराज होकर संध्या सिंह ने एडीजे और उनके परिवार को खत्म करने की साजिश रची। 
एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि संध्या सिंह ने एडीजे को घर- परिवार में कलह खत्म करने और समृद्धि लाने का झांसा दिया और एक तांत्रिक के द्वारा आटा अभिमंत्रित कर देने की बात उन्हें बताई। इसके लिए एडीजे राजी हो गए और अपने घर से करीब आधा किलो आटा लेकर संध्या सिंह के घर 18 जुलाई को छिंदवाड़ा गए। दो दिन बाद 20 जुलाई को संध्या सिंह स्वयं कार से बैतूल आईं और सर्किट हाउस के पास एडीजे को आटा देकर अपने घर में रखे आटे में मिलाने और उसकी रोटियां खाने की सलाह दे दी। इसके बाद एडीजे स्व. त्रिपाठी ने घर में रखे आटे में उसे मिला दिया और उससे बनी रोटियां उनके खाने के बाद उनकी और दोनों बेटों की हालत बिगड़ गई। 
21 जुलाई से 23 जुलाई तक वे घर में ही उपचार कराते रहे लेकिन जब स्थिति गंभीर हुई तो देर शाम एडीजे और उनके बड़े बेटे को पाढर अस्पताल में भर्ती किया गया। 25 जुलाई को हालत बिगड़ने पर पिता-पुत्र को नागपुर अस्पताल रेफर किया जहां दोनों की मौत हो गई। एसपी ने बताया कि कॉल डिटेल और परिजनों से पूछताछ के बाद संध्या सिंह द्वारा दिए गए आटे में कुछ मिला होने का संदेह हुआ जिसके बाद उसे रीवा से पकड़ा गया। पूछताछ में उसने दूरियां बढ़ने और आर्थिक लेनदेन के लिए पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने के लिए आटे में जहर मिलाना स्वीकार किया है। 
एसपी ने बताया कि आटे में मिलाया गया जहर कौन सा था, इसके संबंध में फॉरेंसिंक जांच की रिपोर्ट के बाद ही खुलासा होगा। जहर कहां से प्राप्त किया था, इसकी भी जांच की जा रही है। पुलिस ने संध्या पति संतोष सिंह, कार चालक संजू पिता बंडू, देवीलाल पिता सेवाराम चंद्रवंशी, मुबीन पिता सलीम खान, कमल पिता गरीबा और बाबा उर्फ रामदयाल सभी निवासी छिंदवाड़ा को गिरफ्तार कर धारा 302, 328, 307, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है।
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