नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में 16 मई की शाम को एक चक्रवाती तूफान के तट से टकराने की भविष्यवाणी की है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। अगले 12 घंटों में यह डिप्रेशन की स्थिति में आएगा। जिसके बाद 16 मई की शाम को इसके चक्रवाती तूफान का रूप लेने की आशंका है। वैज्ञानिकों ने इस तूफान का नाम अम्फान (Amphan) दिया है, चक्रवाती तूफान का नामकरण थाईलैंड में हुआ है।
आंध्र सहित 8 राज्यों में अलर्ट जारी
मौसम विभाग और सरकार की विभिन्न एजेंसियों ने कुल आठ राज्यों में अलर्ट जारी किया है। मछुआरों को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण और समुद्र के दक्षिण में नहीं जाने की हिदायत दी गई है। साथ ही जो मछुआरे समुंद्र में हैं उन्हें तत्काल वापस लाने के उपाय किये जा रहे हैं।
कोरोना के बीच प्राकृतिक आपदा की त्रासदी
भारत में जहां पूरा प्रशासनिक तंत्र कोरोना वायरस की त्रासदी से जूझ रहा है। वहीं अम्फान तूफान को लेकर भी सरकारी मशीनरी हरकत में है। माना जा रहा है कि बीते एक दशक में प्रकृति में बड़ा बदलाव आया है। पिछला दशक तापमान के लिहाज से सबसे अधिक गर्म रहा है। यहां तक कि धरती का तापमान 0.04 फीसदी बढ़ा है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर एक फीसदी धरती का तापमान बढ़ जाए तो महा विनाश की स्थिति पैदा हो सकती है। जिसके चलते ही भूकंप और चक्रवाती तूफान जैसी परिस्थितियों से मानवता को सामना करना पड़ सकता है।
पृथ्वी की गर्भ में हो रही हलचल और प्लेट खिसकने के कारण वैश्विक स्तर पर भूकंप - सूनामी और ज्वालामुखी फटने की और जलवायु परिवर्तन के कारण चक्रवाती तूफान, अतिवृष्टि, सूखे के हालत पैदा होने की आशंकाएं जाहिर की जा रही हैं। तेज गर्मी और भीषण सर्दी में भारी बर्फबारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी लोगों को दो चार होना पड़ सकता है। भूगर्भीय हलचल के कारण रह रहकर भारत में धरती हिलने की खबरें आ रही हैं।