जबलपुर. मध्य प्रदेश की जबलपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक ट्रक में पानी भरकर उसमें जिंदा थाइलैंड मांगुर मछलियां मंगवाई गई हैं. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब ट्रक की जांच की तो उसमें तिरपाल में पानी भरकर मछलियों को रखा गया था, जिन्हें जबलपुर में मछलियां खाने के शौकीन लोगों को बेचा जाना था. पुलिस ने फिशरी विभाग के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी जो मौके पर पहुंचे और मामले का पंचनामा तैयार किया. दरअसल गोहलपुर थाना अंतर्गत खजरी खिरिया बाइपास में दिनेश कश्यप और आसिफ अंसारी का मछली गोदाम है, जहां से दूसरे राज्यों एवं शहरों से मछलियां खरीदकर स्टॉक करते हैं.
ये है मछली को प्रतिबंधित करने का कारण
अधिकारियों का कहना है कि थाइलैंड मांगुर मछली मांसाहारी होती है. इस मछली की खासियत यह है कि यह जिस नदी या तालाब में रहती है वहां के पानी में पलने वाले अन्य जीवों को खा जाती है. ये मछली पानी की वनस्पतियों को भी नष्ट कर देती है, जिससे उस क्षेत्र की बायो डाइवर्सिटी को काफी नुकसान होता है, इसलिए एनजीटी ने इसे पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया था. बावजूद इसके इनका परिवहन एवं खरीद फरोख्त हो रहा है चल रहा है.
व्यापारियों पर कार्रवाई का नहीं है प्रावधान
बहरहाल इन मछलियों को जब्त कर नष्ट किया जाएगा लेकिन इनका व्यापार करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. जब्त की गईं मछलियों की अनुमानित कीमत करीब 4 लाख रूपए है और यह 100 से 150 रूपए प्रति किलो की दर से बाजार में बिकती है
ये है मछली को प्रतिबंधित करने का कारण
अधिकारियों का कहना है कि थाइलैंड मांगुर मछली मांसाहारी होती है. इस मछली की खासियत यह है कि यह जिस नदी या तालाब में रहती है वहां के पानी में पलने वाले अन्य जीवों को खा जाती है. ये मछली पानी की वनस्पतियों को भी नष्ट कर देती है, जिससे उस क्षेत्र की बायो डाइवर्सिटी को काफी नुकसान होता है, इसलिए एनजीटी ने इसे पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया था. बावजूद इसके इनका परिवहन एवं खरीद फरोख्त हो रहा है चल रहा है.
व्यापारियों पर कार्रवाई का नहीं है प्रावधान
बहरहाल इन मछलियों को जब्त कर नष्ट किया जाएगा लेकिन इनका व्यापार करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. जब्त की गईं मछलियों की अनुमानित कीमत करीब 4 लाख रूपए है और यह 100 से 150 रूपए प्रति किलो की दर से बाजार में बिकती है