जबलपुर में बरपा ड़ेगु का कहर, मौतों से सहमा शहर

अमूमन होता ये है की किसी बीमारी की दस्तक ही प्रशासन को चौकन्ना कर देती हे और सारा प्रशासन उसकी रोकथाम के प्रयासों में लग जाता है पर जबलपुर के हालत इसके विपरीत ही दिख रहे है आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी तक चार सैकड़ा मौते डेंगू की वजह से हो चुकी है पर कहा जा रहा है  वास्तविक स्तिथि इससे कहीं अधिक भयावह है.जबलपुर नगर निगम प्रशासन ऐसे तो हर चौराहे में स्पीकर लगाकर जोर शोर से  स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारीयों के दावे कर रहा है सिर्फ फ्लेक्स होर्डिंग्स में ही स्वच्छ जबलपुर दिख रहा है जमीनी स्तर पर जोर शोर से खाई बाजी चल रही है नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी डेगू से हो रही इन मौतों के बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे है इनका ये मौन इस बात को स्पष्ट कर रहा है की स्वच्छता का काम सिर्फ कागजो पर हो रहा है और तो और जबलपुर शहर के गली कूचों में कचरे का अम्बार लगा हुआ ही दिखता है.

डेंगू बुखार क्या है और यह कैसे होता है?

यदि डेंगू ज्यादा गंभीर नहीं है तो यह तेज बुखार, दाने, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द का कारण बनता है लेकिन अगर यह गंभीर है तो यह गंभीर रक्तस्राव, रक्तचाप में अचानक गिरावट और मृत्यु का कारण बन सकता है. गंभीर डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार (dengue hemorrhagic fever) के रूप में जाना जाता है. राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के निदेशालय के अनुसार, भारत में 13 अक्टूबर 2019 तक डेंगू बुखार के 67,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. कर्नाटक राज्य में लगभग 12,756 मामले सामने आए हैं. भारत के राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में, डेंगू स्थानिक है. यह देखा गया है कि बाढ़ और मानसून के मौसम के कारण, कुछ राज्यों में बारिश होने से डेंगू के फैलने की अधिक आशंका होती है. स्थिर पानी की स्थिति मच्छरों या वैक्टर को प्रजनन करने की भी अनुमति देती है.
डेंगू बुखार के लक्षण क्या हैं?
जब डेंगू बुखार ज्यादा गंभीर नहीं होता है तो बच्चों या किशोर में मुश्किल से इसके लक्षण दिखाई देते हैं. यदि लक्षण होते भी हैं, तो यह संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के चार से सात दिनों तक रहते हैं.
- सरदर्द
- जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- ग्रंथियों में सूजन आना
- आंखों में दर्द होना
- रैश इत्यादि.
ज्यादातर लोग एक या एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं. लेकिन कुछ मामलों में, लक्षण बिगड़ जाते हैं और जीवन के लिए खतरा बन जाते हैं और डेंगू के ये गंभीर कारण होते हैं. इस स्थिति में, रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या रिसने लगती हैं. रक्तप्रवाह से प्लेटलेट्स गिर जाते हैं. डेंगू के गंभीर होने पर कुछ लक्षण हैं जो बुखार के दौरान होते हैं जैसे:
- पेट में तेज़ दर्द होना
- मूत्र, मल या उल्टी में ब्लड आना
- थकान होना
- बेचैनी होना
- सांस लेने में दिक्कत का होना
- मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव होना इत्यादि.
डेंगू बुखार कैसे होता है?
डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैले हुए चार प्रकार के डेंगू वायरस के कारण होता है. सभी वायरस एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) या एडीस एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus) मच्छर के रूप में ज्ञात मच्छर प्रजातियों के माध्यम से फैलते हैं. आपको बता दें कि डेंगू वायरस में चार अलग-अलग सेरोटाइप (DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4) शामिल हैं. वे जीनस फ्लेवीवायरस, फैमिली फ्लेविविरिडे (Flaviviridae) से संबंधित हैं. एडीज एजिप्टी मच्छर अफ्रीका में उत्पन्न हुआ, लेकिन दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी पाया जाता है. जब एक मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमित होता है और एक व्यक्ति को काटता है, तो वायरस मच्छर में प्रवेश करता है. जब यह संक्रमित मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है, तो वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाता है.
डेंगू को कैसे रोका जा सकता है?
वैक्सीन, डेंगू बुखार से बचाव नहीं कर सकती है. डेंगू के बचाव के लिए, मच्छरों के काटने से बचना जरूरी है. ऐसे कपड़े पहने जिससे त्वचा ढकी रहे और मच्छर काट न पाए. जैसे कि मोज़े पहनना, लंबी आस्तीन वाली शर्ट इत्यादि.
- मच्छर भगाने वाले रेपेल्लेंट का प्रयोग करें.
- मच्छर दानी का उपयोग करें.
- नेटिंग या स्क्रीन, विंडोज और दरवाजों में होनी चाहिए.
- सुगंधित साबुन और इत्र मच्छरों को आकर्षित कर सकते हैं.
- रूके हुए पानी को समय पर निकालना आवश्यक है. एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में ही पनपता है.
डेंगू बुखार का इलाज क्या है?
जैसा कि हम जानते हैं कि डेंगू एक वायरस है, इसलिए इसका कोई खास इलाज नहीं है. लेकिन एक व्यवधान मदद कर सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर है.
यदि डेंगू बुखार ज्यादा गंभीर नहीं है, तो कुछ उपचार मदद कर सकते हैं:
- डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति तेज बुखार और उल्टी से पीड़ित होता है जिससे निर्जलीकरण हो सकता है. व्यक्ति को साफ़ पानी पीना चाहिए. पुनर्जलीकरण लवण भी लिया जा सकता है.
- टाइलेनोल या पेरासिटामोल जैसे दर्द निवारक बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं.
- गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) जैसे एस्पिरिन इत्यादि की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे आंतरिक रक्तस्राव का खतरा हो सकता है.
यदि डेंगू बुखार गंभीर है तो:
- अंतःशिरा द्रव ( Intravenous fluid)(IV) सप्लीमेंट मदद कर सकता है.
- गंभीर निर्जलीकरण, रक्त संक्रामण से पीड़ित मरीजों का समाधान हो सकता है.
- यदि लक्षण बदतर हो जाते हैं तो अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है.
तो, अब आपको डेंगू बुखार और इसके कारण, रोकथाम और उपचार के बारे में पता चल गया होगा.

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