प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे राज ठाकरे, 12 बजे से हो सकती है पूछताछ: सूत्र

मुंबई: कोहिनूर इमारत मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंच चुके हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी दफ्तर में राज ठाकरे से पूछताछ दोपहर करीब 12 बजे के आसपास शुरू हो सकती है. आपको बता दें कि ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए राज ठाकरे करीब 10 बजकर 50 मिनट पर अपने दादर स्थित घर से निकले थे. बताया जा रहा है कि राज ठाकरे के साथ उनके परिवार के कुछ सदस्यों के साथ भी हैं. राज ठाकरे के घर पर कड़ी सुरक्षा के बावजूद वहां मीडिया और पार्टी कार्यकर्ताओं का भारी जमावड़ा नजर आ रहा था. ताजा जानकारी के मुताबिक राज ठाकरे की मां ने दरवाजे तक आकर राज ठाकरे को ईडी दफ्तर जाने के लिए विदा किया. राज ठाकरे के साथ उनका पूरा परिवार कारों के काफिले के साथ ईडी आफिस के लिए निकला था. यही नहीं इस दौरान राज ठाकरे के खास नेताओं मे बालानांदगावकर भी साथ-साथ मौजूद नजर आए.
गौरतलब है कि राज ठाकरे को गुरुवार को 11 बजे प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में हाजिर होना था. इसी के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने गुरुवार को एमएनएस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही उनके घर की तरफ आने वाले दोनों तरफ के रास्ते पर पुलिस ने बैरिकेडिंग की है ताकि इस दौरान समर्थकों का जमावड़ा न हो सके. एक तरफ जहां मुम्बई पुलिस ने मनसे के कार्यकर्ताओं को साफ तौर पर चेतावनी दी है कि कानूनी प्रक्रिया के दौरान उद्दंडता करने वालों पर कार्यवाही की जाएगी तो वहीं दूसरी तरफ खुद राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को निदेश दिए हैं कि वो उनके घर पर या प्रवर्तन निदेशालय में इकट्ठा न हो. ताजा जानकारी के मुताबिक राज ठाकरे के ईडी दफ्तर में पेशी को लेकर मुंबई के 4 पुलिस थानों की हद में धारा 144 लगाई गई है, जिसमें मरीन ड्राइव, एमआरए मार्ग, आज़ाद मैदान और दादर पुलिस स्टेशन का एरिया शामिल है.


यह है पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय कोहिनूर मिल खरीदने के मामले में हुए फण्ड रेगुलरटीज के तहत पीएमएलए के तहत मामले की जांच कर रही है. साल 2003 में मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी ने राज ठाकरे और राजन शिरोडकर के साथ मिलकर अपनी कम्पनी कोहिनूर सिटीएनएल के जरिए कोहिनूर मिल खरीदी. पूरी डील 421 करोड़ में तय हुई थी जिसमें सभी पार्टनर बराबर के हिस्सेदार थे.
 

आपको बता दें कि इस डील में ILFS 225 करोड़ रुपये इक्विटी के तौर पर निवेश किए और कोहिनूर सिटीएनएल को फंड भी किया. लेकिन, साल 2008 में ILFS ने अपने 225 करोड़ के इक्विटी शेयर्स महज 90 करोड़ में बेच दिए जिसके चलते 135 करोड़ का लोन डिफाल्ट हुआ. कुछ समय बाद राज ठाकरे ने भी इस शेयर होल्डिंग पैटर्न में अपने शेयर बेच दिए और डील से निकल गए और लोन डिफॉल्ट की रकम कर्ज के तौर पर चुकाई नहीं गई. इसी वजह से ILFS अब सन्देह के घेरे में है.
 
इस मामले में प्रवर्तन निर्देशालय ILFS के ईक्विटी पैटर्न, कोहिनूर सिटीएनएल के शेयर होल्डिंग पैटर्न में उन्मेश जोशी, राजन शिरोडकर के साथ मुख्य रूप से राज ठाकरे के एक्चुअल इन्वेस्टमेंट, फण्ड ट्रांजेक्शन और नुकसान में बेचे गए इक्विटी शेयर्स के कारणों और सहित शेयर होल्डिंग पैटर्न की जांच के लिए राज ठाकरे से पूछताछ करना चाहती है. इसके साथ ही ILFS के निवेश, नुकसान और लोन डिफॉल्ट सहित कोहिनूर सिटीएनएल के करोड़ों की हेराफेरी के इस मामले में पहले ही उन्मेश जोशी से पूछताछ चल रही है.

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