महादेव के दर्शन के लिए शिवालयों में लगा भक्तों का तांता, सावन का पहला सोमवार आज

खंडवा के ओमकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग में श्रावण के पहले सोमवार के दिन आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे. सुबह 5:00 बजे से ही ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. दूर-दूर से आए भक्तों ने पहले पवित्र नदी नर्मदा में डुबकी लगाई उसके बाद पूजन सामग्री और नर्मदा जल लेकर मंदिर में गर्भ गृह में पहुंचकर भगवान का जलाभिषेक किया. इस दौरान मंदिर ट्रस्ट और जिला प्रशासन की ओर से भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए. दर्शन के लिए मंदिर परिसर में भारी भीड़ उमड़ी. सावन के महीने में ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भक्तों के लिए पूरे समय खुला रहता है. मान्यता है कि नर्मदा नदी भगवान भोलेनाथ की नासिका से निकली हैं, इसलिए उन्हें भोले की मानस पुत्री भी कहा जाता है.
वहीं भोपाल के प्राचीन बटेश्वर महादेव मंदिर में भी सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. बता दें यह भोपाल का सबसे प्राचीन शिवालय है और यहां बरगद के पेड़ के नीचे भोलेनाथ का विग्रह स्थापित है. इसलिए इन्हें बड़े वाले महादेव भी कहा जाता है. पिछले 400 साल से यहां भगवान शिव विराजे हुए हैं और सावन के महीने में भक्तों की खासी भीड़ यहां उमड़ती है. सावन के दौरान श्रद्धालु भगवान शिव को पुष्प, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं सावने का पहला सोमवार होने के चलते आज बटेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली.
सावन माह का पहला सोमवार होने के चलते ग्वालियर के भी सभी शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. ग्वालियर के सबसे प्राचीन शिव मंदिर अचलेश्वर महादेव पर लोग सुबह 3 बजे से ही लाइनों में भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए लगे हुए हैं. यह सिलसिला अनवरत जारी है, भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु बेलपत्र, धतूरा और पंचामृत आदि से अभिषेक कर रहे हैं. शिव मंदिर में भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं. इसके साथ ही महिला पुरुषों की लाइनें भी अलग-अलग लगाई गई हैं, ताकि भक्तों को परेशानी का सामना ना करना पड़े. मंदिरों पर देर रात तक देखी जाएगी.

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