कोरोनाकाल में डेंगू बन सकती हैं बड़ी परेशानी, जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव

 


देशभर में कोरोना की वजह से लोगों की जिंदगी पटरी से उतर गई हैं और सभी उसे संतुलन में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस कोरोना काल में सेहत पर ध्यान देने की जरूरत हैं। लेकिन अब कोरोना के साथ डेंगू ने भी फिर से दस्तक दे दी हैं। बीते दिनों दिल्ली में एक 25 वर्षीय डॉक्टर की डेंगू से मौत हो गई थी। डेंगू मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। डेंगू बुखार को ब्रेकबोन बुखार भी कहा जाता है। कोरोनाकाल में डेंगू बड़ी परेशानी का कारण बन सकता हैं। ऐसे में जरूरी है कि डेंगू के बारे में उचित जानकारी प्राप्त कर अपनी सेहत को बनाए रखा जाए। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए डेंगू के लक्षण, कारण और बचाव से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं।


डेंगू के लक्षण


- ठंड के साथ तेज बुखार, सिर और मांसपेशियों में दर्द।

- कमजोरी, भूख न लगना, जी मिचलाना, स्वाद नहीं आना।

- आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, जोड़ों में हड्डीतोड़ दर्द आदि।

डेंगू का उपचार

सामान्यत: डेंगू 5-7 दिन के इलाज से ठीक हो जाता है। लेकिन डेंगू शॉक सिंड्रोम और हेमरेजिक फीवर खतरनाक होता है। इस बीमारी के दौरान मेडिकल सुपरविजन (चिकित्सकीय देखरेख) में रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है। नॉनटोलॉजिस्ट एंड पेडिएट्रिसियन कंसल्टेंट डॅाक्टर रमानी कहते हैं कि अगर प्लेटलेट काउंट बहुत कम हो जाता है, तो इससे इंटरनल ब्लीडिंग (आंतरिक रक्तस्राव) की संभावना भी बढ़ सकती है और इसलिए प्लेटलेट ट्रांसमिशन महत्वपूर्ण हो जाता है।

ज्यादातर वायरल इन्फेक्शन की तरह डेंगू के मामलों में साधारण बुखार होता हैं और प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। हालांकि समय पर मेडिकल अटेंशन (देखरेख) और सुपरविजन बनाए रखने से पेट में दर्द, पेशाब कम होने, ब्लीडिंग और बीमारी की वजह से पैदा हुई मेंटल कंफ्यूजन जैसी कॉम्प्लीकेशन्स के खतरे को रोका जा सकता है। पैरासिटामोल और अन्य जरूरी दवाओं के साथ तरल पदार्थों के सेवन से प्लेटलेट काउंट 7-9 दिनों में मेनटेन हो जाता है।

इन सावधानियों पर दे ध्यान

- कहीं भी पानी जमा न होने दें। हर हफ्ते पानी की टंकी, कूलर, गमले को साफ करें और उनके अंदर का पानी बदलें।
- हर रोज रसोई और बगीचे के खरपतवार को डिस्पोज करें। लंबे समय तक एक स्थान पर ठोस कचरा न रहने दें।
- सेंट (इत्र), स्ट्रोंग परफ्यूम और साबुन का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे मच्छर आकर्षित होते हैं।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें क्योंकि यह मच्छर के काटने से बचाव का सबसे अचूक उपाय है।
- व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों का पालन करें जैसे कि लंबे बाजू के कपड़े, रिपेलेंट और वेपोराइजर पहनने और खिड़की के शीशे नीचे रखने से मच्छर अंदर नहीं आते हैं।
- सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े और मच्छर भगाने वाले कपड़े पहने।

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