Shani Jayanti 2020 Mantra: शनि जयंती पर इन मंत्रों का करें जाप, खत्म हो जाएगा शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव

Shani Jayanti 2020: भगवान शनि सूर्य देव के पूत्र थे. भगवान शनि का जन्म अमावस्या तिथि को हुआ था. माना जाता है कि शनि जब किसी से नाराज होते हैं तो एक साथ कई कष्ठ देते हैं. यहां तक ये कभी कभी मृत्यु तुल्य कष्ट भी प्रदान करते हैं. इसलिए इन्हे प्रसन्न रखना बहुत ही जरुरी हो जाता है. शनि उन लोगों को सबसे अधिक कष्ठ देते हैं जो दूसरों को सताते हैं. मजदूर और गरीबों पर अत्याचार करते हैं. वहीं जीव जंतु खास तौर पर कौवा और कुत्ता आदि को मारने वालों को भी शनि का प्रकोप झेलना पड़ता है. 
शास्त्रों के अनुसार साढ़े साती को तीन चरण में बाँटा गया है. साढ़े साती का पहला चरण धनु, वृषभ, सिंह राशि वाले लोगों के लिए कष्टकारी रहता है. दूसरा या मध्य चरण सिंह, मकर, मेष, कर्क, वृश्चिक राशियों के लिए अच्छा नहीं समझा जाता है और तीसरा चरण मिथुन, कुंभ, तुला, वृश्चिक, मीन राशि के लिए कष्टकारी होता है. आज हम आपको कुछ मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके जाप से बुरा प्रभाव कम हो सकता है. आइए जानते हैं- 
इन मंत्रों के जाप से कम होगा बुरा प्रभाव 
– ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम. छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्..
– ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः.
-ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः.
-ॐ शं शनैश्चराय नमः.
– ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

शनि के दोष से निजात पाने के ये हैं उपाय
-लोहे का त्रिशूल बनवाकर किसी शिव मंदिर में उसे अर्पित करें. इससे शनि दोष दूर हो जाएगा.
– काले रंग के पशुओं को चारा खिलाएं.
-गेंहू में थोड़े काले चने भी मिलाकर पिसवाएं. ऐसा करने से आर्थिक जीवन मजबूत होगा.
– काले घोड़े की नाल या नाव की कील से बनी लोहे की अंगूठी मध्यमा उंगली में शनि जयंती को सूर्यस्त के समय पहनें. ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह बलवान होगा.
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