कोरोना वायरस के बाद हंता वायरस ने मचाई खलबली

कोरोना वायरस के बाद एक और वायरस ने दुनिया भर में खलबली मचा दी है। चीन के युन्नान प्रांत में एक व्‍यक्ति की हंता वायरस से मौत होने के बाद #Hantavirus सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रेंड कर रहा है। हंता वायरस ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। लोगों में डर है कि कहीं चीन के वुहान शहर से जिस तरह कोरोना वायरस दुनिया भर में फैला, वैसे ही हंता वायरस न फैल जाए। ऐसे में यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है कि कोरोना वायरस और हंता वायरस में क्या अंतर है? हंता वायरस का संक्रमण कैसे होता है और यह कैसे फैलता है? क्या हंता वायरस जानलेवा है? यहां जानें इन सभी सवालों के जवाब - 
हंता वायरस का यह मामला ऐसे समय पर आया है जब पूरी दुनिया वुहान से निकले कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है। कोरोना वायरस से अब तक 16 हजार 500 लोगों की मौत हो गई है। यही नहीं अब तक दुनिया के 382,824 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना वायरस की व्‍यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह वायरस अब 196 देशों में फैल चुका है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक हंता वायरस चूहे के संपर्क में आने से इंसान में फैलता है। सेंटर ऑफ डिजीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन  (Centre for Disease Control and Prevention) ने अपनी वेबसाइट पर बताया है 'घर के अंदर व बाहर चूहे हंता वायरस का संक्रमण फैलने की शुरुआती वजह बन सकता है। अगर कोई व्यक्ति पूरी तरह स्‍वस्‍थ भी है तो भी हंता वायरस के संपर्क में आने पर उसके संक्रमित होने का खतरा रहता है।'
हालांकि कोरोना वायरस की तरह हंता वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता। सेंटर ऑफ डिजीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक अगर कोई व्‍यक्ति चूहों के मल-मूत्र या उनके बिल की चीजें वगैरह छूने के बाद अपनी आंख, नाक और मुंह को छूता है तो उसमें हंता वायरस का संक्रमण फैल सकता है। कोरोना वायरस की तरह हंता वायरस हवा में नहीं फैलता है। 
लक्षण
हालांकि कोरोना वायरस और हंता वायरस के लक्षण काफी एक जैसे हैं। दोनों ही स्थिति में  बुखार, सिर में दर्द, सांस लेने में परेशानी, बदन दर्द होता है। इसके अलावा हंता वायरस से संक्रमित होने पर पेट में दर्द, उल्‍टी, डायरिया भी हो जाता है। इलाज में देरी होने पर संक्रमित इंसान के फेफड़े में पानी भी भर जाता है। 
कहां से हुई हंता वायरस की शुरुआत
हंता वायरस का पहला मामला चीन से नहीं है। पहली बार इस वायरस के संक्रमण का मामला मई 1993 में दक्षिण पश्चिमी अमेरिका से आया था। ये चार कोनों- एरिजोना, न्यू मेक्सिको, कोलोराडो और उटाह का क्षेत्र था। न्यू मेक्सिको में इस वायरस से एक युवा शख्स और उसकी मंगेतर की मौत हुई थी। सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में कनाडा, अर्जेंटीना, बोलीविया, ब्राजील, चिली, पनामा, पैरागुए और उरागुए से भी इस तरह के मामले आने की पुष्टि की है। 
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