दिल्ली दंगा: हाईकोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने की याचिका पर केंद्र, पुलिस, आप सरकार से मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने के लिए पुलिस को निर्देश देने की याचिका पर केंद्र, पुलिस और आप सरकार से जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने अधिकारियों को नोटिस जारी किया और मामले को 27 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस को 23 फरवरी से 1 मार्च तक दंगा प्रभावित क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए और साइट से सबूत इकट्ठा किए बिना मलबे को नहीं हटाना चाहिए।
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने हिंसा में शामिल लोगों शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर का अनुरोध किया और एक एसआईटी गठन की  मांग की जिसमें सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल हों।
निष्क्रियता के लिए पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से दायर याचिका में राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा के दौरान कथित रूप से निष्क्रियता के लिए पुलिस कर्मियों और अन्य लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की है।
1984 के दंगें पीड़ितों के समान मिले मुआवजा
इसने 1984 के दंगों के पीड़ितों को दिए गए मुआवजे के समान, पीड़ितों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की। और भारतीय दंड संहिता के तहत विशिष्ट मामलों में हिंसा भड़काने और नफरत फैलाने पर रोक लगाने के लिए विशेष प्रावधानों की शुरुआत की भी मांग की।
तीन आरोपी न्यायिक हिरासत में भेजे गए
वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली की अदालत ने शनिवार को तीन आरोपी- सुमित, अंकित और प्रिंस को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था।
आईबी कर्मचारी आईबी अधिकारी हत्या मामले में अब तक क्या हुआ
शनिवार को दिल्ली हिंसा के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के सिलसिले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब, अनस के रूप में की गई है। जबकि एक और आरोपी सलमान को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था और वह पुलिस हिरासत में है। गौरतलब है कि दिल्ली में भड़की हिंसा के ठीक बाद उत्तर पूर्व जिले के चांद बाग इलाके से खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की लाश मिली थी। अंकित शर्मा की उम्र 26 साल थी। वो तीन दिन से गायब थे। जिसके बाद इलाके के एक नाले में उनकी लाश मिली। उनके शरीर पर कई घावों के निशान थे। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल लगातार इस मामले में छापेमारी कर रही थी। अंकित शर्मा की लाश आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर के पास से मिली थी। जिसके बाद शर्मा के परिवार ने आरोप लगाया कि ताहिर हुसैन ने उनकी हत्या करवाई है। ये भी आरोप लगा कि अंकित शर्मा को ताहिर हुसैन के घर पर ही मारा गया था। जिसके बाद उनकी लाश को नाले में फेंक दिया गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन पर हत्या का मामला दर्ज किया था और उनकी गिरफ्तारी हुई थी। कोर्ट ने ताहिर को 7 दिन की पुलिस रिमांड दे दी थी।
अंकित पर तेज हथियार से किया गया था हमला: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत के कारण तेज हथियार से हमला किया गया। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनके फेफड़ों और मस्तिष्क पर चोटों के कारण उनकी मौत हुई। रिपोर्ट में आगे पता चला कि अधिकारी पर धारदार हथियार से हमला किया गया था।
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