जबलपुर: राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का भव्य शुभारंभ

राज्यपाल महामहिम  लालजी टंडन ने कहा कि हमारी संस्कृति, ज्ञान, कला अलग-अलग क्षेत्रों में भले ही अलग हो लेकिन जब यह एकत्र होते हैं तो उनमें पूरा भारत देश दिखाई पड़ता है । विविधता में एकता ही हमारी पहचान और संस्कृति है । राज्यपाल जबलपुर के शहीद स्मारक प्रांगण में दो दिवसीय राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे । इस मौके पर केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, महापौर श्रीमती स्वाति सदानंद गोडबोले, विधायक अजय विश्नोई, श्रीमती नंदिनी मरावी, अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदू, जालम सिंह पटेल, धर्मेन्द्र लोधी, पी.एल. तन्तुवाय एवं केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरूण गोयल मंचासीन थे ।
राज्यपाल ने कहा कि विभिन्नता में एकता ही भारत की विशेषता है । हमारे देश के विभिन्न प्रांतों की कला, संगीत, परम्परायें, शैली अलग-अलग हो लेकिन उनमें एकता की भारतीय संस्कृति विद्यमान रहती है । उन्होंने कहा कि यदि किसी देश ने विपरीत परिस्थितियों में अपनी संस्कृति को अक्षुण्य रखा है तो वह भारत देश ही है । भारत का शास्त्रीय संगीत आज भी दुनिया के लिये आश्चर्य का विषय है । राज्यपाल ने कहा कि हमारे समाज में वनवासी और आदिम जाति कितनी भी कठिन परिस्थितियों में रहे हों लेकिन उन्होंने अपनी कला और संस्कृति को बचाये रखा है । यह अमरत्व की पहचान है । राज्यपाल  ने कहा संस्कृति विभाग द्वारा विलुप्त होती कड़ियों को जोड़कर हमारी महान् संस्कृति को समाज के सामने प्रस्तुत कर परिचय कराना सराहनीय प्रयास है । उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से कलाकारों को सम्मान के साथ ही पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र का भी संवर्धन होगा ।
केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा संस्कृति, लोक कला से लेकर ज्ञान तक हमारी पहचान को प्रदर्शित करती है । संस्कृति मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश में संस्कारधानी जबलपुर से शुरूआत कर सागर और रीवा में भी राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है । जिनमें देश के हर राज्य के लोक कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर संस्कृति से परिचय करायेंगे । केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय गाँव और विभिन्न क्षेत्रों में छुपी प्रतिभाओं को सामने लाने कल्चरल मैपिंग भी करायेगा।
प्रहलाद पटेल ने कहा कि दो दिवसीय राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव अपने उद्देश्यों में सफल होगा । उन्होंने कहा कि संकल्प और निष्ठा के साथ संस्कृति की यह यात्रा और परम्परा आगे भी जारी रहेगी । उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों का सोशल आडिट कर समाज पर सकारात्मक प्रभाव का आंकलन भी किया जाना चाहिये ।
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर देश के विभिन्न प्रांतों के 7 जोनल सांस्कृतिक केन्द्र के कलाकारों द्वारा लोकनृत्य के विभिन्न संस्कृति और परम्परा के अनुरूप आकर्षक एवं नयनाभिराम सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये ।

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