मध्य प्रदेश: अमर शहीद राजा शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान हमेशा अविस्मरणीय एवं प्रेरणादायक रहेगा-आदिम जाति कल्याण मंत्री

आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा है कि देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में क्रांति का शंखनाद करते हुए गोंडवाना के अमर शहीद राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान हमेशा अविस्मरणीय और प्रेरणादायक रहेगा। शहीद पिता और पुत्र के बंदीगृह और इसके साथ परिसर में स्थित वनमण्डलाधिकारी कार्यालय को भी अब प्रेरणा केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
आदिम जाति कल्याण, घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ एवं विमुक्त जनजाति कल्याण मंत्री  मरकाम ने जबलपुर के मालगोदाम चौक एल्गिन हॉस्पिटल के पास आयोजित अमर शहीद राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस समारोह में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह बात कही। दोनों अमर शहीदों को अंग्रेज हुकूमत ने 18 सितम्बर 1857 को उच्च न्यायालय के पास जबलपुर में खुले आसमान के नीचे तोप से उड़ा दिया था।
आदिम जाति कल्याण मंत्री  मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर बंदीगृह और वनमण्डलाधिकारी कार्यालय को प्रेरणाकेन्द्र बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए पांच करोड़ रूपए भी स्वीकृत किए गए हैं। मंत्री मरकाम ने कहा कि राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह की क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण अंग्रेज हुकूमत ने 14 सितम्बर 1857 को पिता और पुत्र को गिरफ्तार किया और बंदीगृह में अस्थाई जेल बनाकर कैद किया। 17 सितम्बर 1857 को पिता-पुत्र को मौत की सजा सुनाते वक्त कहा गया यदि वे माफी मांग लें तो सजा माफ कर दी जाएगी। परन्तु आजादी के दीवाने पिता-पुत्र ने माफी नहीं मांगी और 18 सितम्बर को देश के लिए बलिदान हो गए।
मंत्री श्री मरकाम ने कहा कि कुछ माह पहले जब उन्होंने इन अमर शहीदों के बंदीगृह को देखा था तो वह स्थान कबाड़ से भरा था। जिसकी उन्होंने बिना विलम्ब साफ-सफाई शुरू की। अब यह बंदीगृह देश और हम सब के लिए प्रेरणा केन्द्र होगा। मंत्री  मरकाम ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार ने अनेक कल्याणकारी निर्णय लिए हैं। धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार और विकास की योजना बनाई गई है जिस पर अमल शुरू हो गया है। उन्होंने योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
मंत्री मरकाम ने कहा मेरी इच्छा है कि प्रेरणा केन्द्र बनने के बाद भारत की सेना के अधिकारी और जवान भी यहां आएं और केन्द्र को देखें तथा अमर शहीद पिता-पुत्र से प्रेरणा प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भारत सरकार को पत्र लिखकर मांग करेंगे कि सेना के अधिकारी और सैनिकों को भ्रमण पर प्रेरणा केन्द्र भेजा जाए। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की संस्कृति को बचाए रखते हुए उनके चहुंमुखी विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मंत्री मरकाम ने उपस्थितजनों को अमर शहीद राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह से प्रेरणा लेकर देश की एकता, अखण्डता के लिए हमेशा तत्पर रहने का संकल्प दिलाया। उन्होंने बंदीगृह जाकर और बलिदान स्थल पर अमर शहीदों की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मंत्री मरकाम का आदिवासी समाज एवं संगठनों द्वारा पगड़ी पहनाकर, हल्दी चावल का टीका लगाकर तथा पीला गमछा भेंटकर सम्मान किया गया। मंत्री मरकाम ने इस दौरान स्पेन में आयोजित यूथ विश्व चैम्पियनशिप तीरंदाजी प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक प्राप्त करते हुए देश का नाम रोशन करने पर सुश्री रागिनी मार्को को आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया।
बलिदान दिवस समारोह में विधायक विनय सक्सेना, पुष्पराजगढ़ के विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को, विधायक नंदिनी मरावी, कार्यक्रम अध्यक्ष पूर्व विधायक नन्हेंलाल धुर्वे ने अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर किशोरीलाल भलावी, महेश बट्टी, एसएस तेकाम आदि, समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने विचार व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी। कलेक्टर भरत यादव ने आभार व्यक्त किया। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रियंक मिश्रा तथा बड़ी संख्या में पूरे प्रदेश से आए आदिवासी समाज के गणमान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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