नरोदा पाटिया दंगा मामला: शाह ने कोर्ट में दी गवाही, दंगे के वक्त विस में मौजूद थीं माया कोडनानी

2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के पक्ष में गवाही दी है। मीडिया की खबरों के अनुसार अमित शाह ने एसआईटी की विशेष अदालत के सामने बयान दिया कि दंगों के वक्त माया कोडनानी विधानसभा में मौजूद थीं।
 
कोर्ट में शाह ने दिए ये बयान :

- टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक शाह ने कहा कि दंगे के वक्त वे और माया कोडनानी विधानसभा में मौजूद थे।
- यहां से अमित शाह सीधे अस्पताल के लिए निकले और उस समय सुबह के 9.30 बज रहे थे।
- शाह ने कहा जब वहां पहुंचे तो लोगों के शव वहां मौजूद थे, लोगों के परिजन भी मौजूद थे और अफरा तफरी का माहौल था।
- उनके पहुंचने से पहले पोस्टमार्टम हो गया था, उन्हें अधिकारियों ने जाने से रोका था, लेकिन फिर भी वे मृतकों के परिवार वालों से मिले थे।
- शाह ने कहा कि मायाबेन भी सोला सिविल अस्पताल में मुझे मिली थीं जब वे वापस निकल रहे थे।
- वे रुकना चाहता थे, लेकिन नारेबाजी की वजह से उन्हें बाहर भेज दिया गया।
- शाह ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा का ध्यान रखते हुए माया कोडनानी और उन्हें साथ में अपनी गाड़ी में लेकर गई और उस वक्त 11 बज रहे थे।

कोर्ट के समक्ष माया कोडनानी के वकीलों ने भी दावा किया था कि 2002 के नरोदा पाटिया में हुए दंगों के दौरान वह विधानसभा में मौजूद थीं। मामले में गवाही देने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज सुबह ही अहमदाबाद पहुंचे थे। 

 
बता दें कि मामले में कोर्ट ने गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को मुख्य आरोपी माना था। उनकी अपील पर शाह गवाही देने के लिए कोर्ट में पहुंचे थे। कोडनानी ने अपने बचाव में 14 नामों की लिस्ट भी दी थी, जिसमें से 12 गवाह समर्थन में गवाही दे चुके हैं। कोडनानी ने ये भी दावा किया है कि वो विधानसभा के बाद अस्पताल गई थीं। इससे पहले 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व भाजपा विधायक माया कोडनानी के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया था, जिसमें उन्होंने अमित शाह व 13 अन्य को बतौर बचाव पक्ष का गवाह बुलाने का अनुरोध किया।
 
 
माया कोडनानी को हुई थी 28 साल की सजा
जस्टिस पीबी देसाई ने कहा था कि गवाहों को पेश होने के लिए ‘मुकदमे के उचित और प्रासंगिक चरण’ में समन किए जाएंगे। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि ‘यदि कुछ गवाहों की गवाही के दोहराए जाने की संभावना होगी तो बाद के चरण में उन्हें नहीं बुलाने का भी विकल्प है, लेकिन (अभियोजन पक्ष द्वारा) कोई आपत्ति नहीं जताए जाने पर और बचाव पक्ष के गवाहों से पूछताछ करने के आरोपी के अधिकारी को पहचानते हुए, मेरा मानना है कि गवाहों की इस संख्या से पूछताछ किया जाना न तो अनुचित है और न ही असंगत।’

नरोदा पाटिया दंगा मामले में कोडनानी को 28 साल कारावास की सजा सुनाई गई है और वह अभी जमानत पर रिहा है। इससे पहले, नरोदा गांव मामले में उन्होंने विशेष अदालत में गुहार लगाई थी कि अमित शाह समेत 14 लोगों से बतौर बचाव पक्ष के गवाह बुलाया जाए। वह यह साबित करना चाहती हैं कि 28 फरवरी, 2002 को हुई घटना के समय वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थी। यह मामला गोधरा ट्रेन मामले के एक दिन बाद का है। इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे थे।

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