10 साल बाद NCERT की किताबें अपडेट, जीएसटी और नोटबंदी भी पढ़ेंगे स्टूडेंट्स

देश में पिछले कुछ वर्षोें काफी बदलाव हुए है. जनगणना के आंकड़े से लेकर कर प्रणाली में ऐतिहासिक जीएसटीका दौर शुरू हो गया है. फिर भी स्कूलों में अब भी काफी पुरानी सूचनाओं के आधार पर ही पढ़ाई हो रही है. ऐसे में अब एनसीईआरटी किताबों को अपडेट करने जा रहा है, जिसमें जीएसटी और नोटबंदी जैसे विषयों को भी शामिल किया जाएगा.

दरअसल, एनसीईआरटी के सिलेबस में अभी जिन किताबों का समावेश किया गया है वह करीब 10 साल पुरानी है. किताबों में जनगणना के आंकड़े 2001 के दिए गए हैं. वहीं, आवास की उपलब्धता, बिजली और पाइप से सप्लाई होने वाले पानी के आंकड़े साल 1994 के आंकड़ों पर आधारित हैं.

ऐसे में एनसीआईआरटी ने मौजूदा आंकड़ों और देश में हुए बदलाव को ध्यान में रखते हुए सिलेबस में नए विषयों को तैयारियां शुरू कर दी है. सभी 182 किताबों को अपडेट किया जाएगा, जिसमें जीएसटी, नोटबंदी, बेटी बचाव-बेटी बढ़ाओ के साथ स्वच्छता अभियान जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा.

एनसीईआरटी किताबों में बदलाव पर जोर-शोर से काम कर रहा है. इसके लिए सभी किताबों में शामिल किए जा रहे नए विषयों के कंटेंट को एक महीने के अंदर अंतिम रूप देने की तैयारी है. साथ ही पुरानी किताबों में भाषा की त्रुटियों को दूर करने के साथ ही नयी किताबों में भाषा को आसान बनाने की कवायद भी की जा रही है.
  • -एनसीईआरटी अपनी करीब 182 पुस्तकों को अपडेट करेगा.
  • -एनसीईआरटी ने कुल 1,334 बदलाव किए हैं.
  • -किताबों को अगले साल मार्च तकर देशर के हर शहर और कस्बे में पहुंचाने की प्लानिंग है.
  • -अभी तक 2 करोड़ से ज्यादा पुस्तकों का ऑर्डर मिल चुका है.
  • -इस साल करीब 13 करोड़ पुस्तकों की मांग होगी.
  • -एनसीईआरटी ने किताबों के कंटेंट के साथ पेपर की क्वालिटी पर भी फोकस किया है.

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