10 करोड़ बचाने के लिए Air India ने कहा 'NO नॉन वेज'

कैश की किल्लत झेल रही एयर इंडिया ने सोमवार को अपने सभी डोमेस्टिक रूट्स (घरेलू उड़ानों) पर इकोनॉमी क्लास के यात्रियों के लिए नॉन-वेज खाना नहीं परोसने का फैसला किया है. ऑफिसर्स ने दावा किया कि लागत घटाने के उपायों के तहत ऐसा किया गया है.

एयर इंडिया को होगी 10 करोड़ की बचतसरकारी विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा है कि इस कदम से बर्बादी और कॉस्ट घटाने में मदद मिलेगी और कैटरिंग सर्विसेज में सुधार आएगा. अनुमान के मुताबिक, अगर एयर इंडिया नॉन-वेज खाना परोसना बंद करती है तो उसे सालाना 10 करोड़ रुपये तक की बचत होगी. एयर इंडिया अपनी कैटरिंग सर्विसेज पर करीब 340-400 करोड़ रुपये खर्च करती है.

इंटरनेशनल रूट्स पर मिलेगा नॉन वेज खाना
इंटरनेशनल रूट्स पर मिलेगा नॉन वेज खाना
हालांकि, एयर इंडिया के इंटरनेशनल रूट्स और डोमेस्टिक रूट्स पर बिजनेस, फर्स्ट क्लास पैसेंजर्स को नॉन-वेज खाना परोसा जाएगा. सूत्रों का कहना है कि एयर इंडिया बोर्ड ने दो हफ्ते पहले ऐसे उपाय करने का फैसला लिया था. सरकारी विमानन कंपनी की  तरफ से लागत घटाने की दिशा में यह एक नया कदम है. छह महीने पहले, एयर इंडिया ने उन उड़ानों के इकनॉमी क्लास पैसेंजर्स को नॉन वेज खाना परोसना बंद कर दिया था, जिनकी उड़ान अवधि 90 मिनट से कम है.

सलाद बंद करने के साथ घटाई थी मैगजीन की संख्याइसके अलावा, पिछले महीने एयरलाइन ने सलाद न परोसने और फ्लाइट में मैगजीन की संख्या घटाने का फैसला किया था. यह कदम केबिन का वजन घटाने के लिए उठाया गया था, इसके पीछे दलील यह थी कि हल्के प्लेन में ईंधन की खपत कम होगी.

फैसले में राजनीतिक दखल से इनकार
बीजेपी के नेता और एयर इंडिया के नॉन-ऑफिशियल इंडिपेंडेंट डायरेक्टर सैय्यद जफर इस्लाम ने इस फैसले में किसी ‘राजनीतिक दखल’ से इनकार किया है. हालांकि, एयरलाइन के इस फैसले की नेता और यात्री कड़ी आलोचना कर रहे हैं.

फैसले को बताया पक्षपातीजम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस फैसले की वजह ‘फूड मिक्स अप’ (वेज और नॉन वेज खाना मिल जाना)  बताए जाने से जुड़ी रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है, ‘वेज और नॉन वेज को अलग करने वाले कलर कोडेड स्टीकर्स को लगाने में भला कितनी कोशिशों की जरूरत है?’ वहीं, एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉक्टर सुधाकर रेड्डी ने इस कदम को पक्षपाती करार दिया है. उन्होंने बताया, ‘यह कतई स्वीकार नहीं है. एयरलाइन एक ही एयरक्राफ्ट में यात्रियों के बीच भेदभाव कर रही है. यह बंटवार क्लास पर आधारित है. हम इस मुद्दे को अथॉरिटीज के सामने उठाएंगे.’

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