जबलपुर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार का खेल, 1.25 करोड़ की हेराफेरी उजागर


जबलपुर। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (E.O.W.) ने जबलपुर चिकित्सा महाविद्यालय में हुए एक बड़े भ्रष्टाचार मामले का खुलासा किया है। प्रकोष्ठ ने तत्कालीन अधीक्षक एवं संयुक्त संचालक डॉ. सविता शर्मा, फार्मासिस्ट आर.पी. दुबे और मेसर्स मेडीनोवा फार्मास्युटिकल एंड सर्जिकल डिस्ट्रीब्यूटर के संचालक के विरुद्ध पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। आरोपियों पर शासन को लगभग 1.25 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति पहुँचाने का आरोप है।

मामला क्या है


जाँच रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2011 से 2013 के बीच मेडिकल कॉलेज जबलपुर में दवाओं और सर्जिकल सामग्री की खरीद प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएँ हुईं। फार्मासिस्ट आर.पी. दुबे ने वित्तीय अधिकारी की अनुशंसा को दरकिनार करते हुए निविदा प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन किया। एल-01 से एल-05 तक के पात्र निविदाकारों को नजरअंदाज कर सीधे एल-06 निविदाकार मेसर्स मेडीनोवा से ऊँचे दामों पर लगातार खरीदारी की गई।

आरोप है कि तत्कालीन अधीक्षक सविता शर्मा ने अनुबंध में आवश्यक शर्तों का उल्लेख न करते हुए कंपनी को अनुचित लाभ पहुँचाया। इस मिलीभगत के चलते शासन को 1.25 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा।

E.O.W. की कार्रवाई

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने शिकायत और प्राथमिक जाँच के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धारा 409, 120-बी भादवि एवं धारा 7 (सी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित 2018) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

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