ज्ञानवापी मस्जिद : इस्लामिक स्कॉलर- हम उसे पूजते नहीं…काबा को भी नहीं पूजते, सिर्फ रुख करते हैं


एंकर ने पूछा कि तो क्या आपको मस्जिदों पर ब्रह्मकमल और घंटियां कुबूल है? इस पर हाजिक खान ने कहा कि कुबूल है, लग जाए कलाकृतियां हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम उसकी पूजा नहीं कर रहे।

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी को लेकर मुस्लिम पक्ष ने ऐतराज जताया है। तो वहीं हिंदू पक्षकारों का कहना है कि ज्ञानवापी आदिविश्वेश्वर के मंदिर परिसर का हिस्सा है। यहां पहले नंदी की पूजा-पाठ होती थी। हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया जा रहा है कि मस्जिद परिसर की दीवारों पर हिंदू धर्म के प्रतीक बने हैं।

वहीं एक निजी न्यूज चैनल पर इस मुद्दे पर हो रही बहस में इस्लामिक इस्कॉलर हाजिक खान से एंकर ने सवाल किया क्या आपको मस्जिदों में ब्रह्मकमल-घंटियां कुबूल हैं? दरअसल एंकर ने हाजी खान से पूछा, “क्या किसी मस्जिद की दीवार में ब्रह्मकमल- घंटियां जैसी आकृतियां हो सकती है। जोकि मस्जिद की पश्चिमी दीवार है?”

एंकर ने आगे सवाल किया कि अगर आरोप लगता है कि मुगल आक्रांताओं ने मंदिरों को ध्वस्त किया है तो वीडियोग्राफी करने से क्या दिक्कत है? एंकर ने कहा कि अगर मंदिर है और उन्हें लगता है कि वो तोड़ा गया है तो संवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर हिंदू मंदिर की बात कर रहे हैं, तो इसमें क्या दिक्कत है?

एंकर के इन तीन सवालों पर इस्लामिक इस्कॉलर हाजिक खान ने कहा, “पहली बात तो यह है कि इस देश पर साढ़े 800 साल मुसलमानों ने राज किया। उस वक्त हिंदू भाईयों के मंदिरों की सुरक्षा के लिए मुस्लिम सिपाहियों की तैनाती होती थी। वो मंदिरों की देखरेख करते थे। और मंदिरों के पास मस्जिदें इसलिए बनाई जाती थी क्योंकि उस समय कोई मुसलमान सिपाही नमाज नहीं छोड़ता था। इसलिए वहां मंदिर के पास मस्जिदें बनाई जाती थीं।”

हाजिक खान ने एंकर से कहा, “जिस कलाकृति की बात आप कर रही हैं, उस वक्त भारत में साढ़े 93 फीसदी हिंदू थे और मुसलमान साढ़े 6 प्रतिशत थे। ऐसे में मंदिरों की कलाकृति मस्जिदों में लगाई गई।” उन्होंने कहा कि उस कलाकृति को गंगा जमुनी तहजीब के चलते मस्जिदों में लगाई गईं।

इसपर एंकर ने पूछा कि तो क्या आपको मस्जिदों पर ब्रह्मकमल और घंटियां कुबूल है? इस पर हाजिक खान ने कहा, “कुबूल है, लग जाए कलाकृतियां हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम उसकी पूजा नहीं कर रहे। काबा को भी हम नहीं पूजते हैं, सिर्फ उसकी तरफ रूख करते हैं। और रूख में कोई समस्या नहीं आएगी।”

गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी को लेकर अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति ने वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जिसपर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना ने कहा है कि वे मामले को देखेंगे। लेकिन तुरंत कोई आदेश देने से मना कर दिया।

बता दें कि सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहा है कि हमें तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है। इसपर CJI रमन्ना ने कहा कि बिना पेपर देखे हम कोई आदेश जारी नहीं कर सकते।

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