वार्षिक वेतन वृद्धि बहाली का श्रेय लेने लगी होड़

वार्षिक वेतन वृद्धि बहाली का श्रेय लेने लगी होड़

जबलपुर। मध्य प्रदेश जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष रॉबर्ट मार्टिन ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जैसे ही कर्मचारियों की रोकी हुई दो वार्षिक वेतन वृद्धि देने के आदेश जारी हुए वैसे ही विभिन्न संगठनों द्वारा वेतन वृद्धि बहाली का श्रेय लेने के लिए होड़ मच गयी है 

संघ ने आगे बताया कि मध्य प्रदेश जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के द्वारा ही सर्वप्रथम वेतन वृद्धि और अन्य १२ सूत्रीय मांगो को लेकर न्यायालय जबलपुर में याचिका लगाई गयी थी। याचिका लगते ही सरकार नें संज्ञान में लेते हुए उसी समय प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन वृद्धि और अन्य मांगो को पूरा करने का आश्वासन दे दिया था और जब सरकार द्वारा वेतन वृद्धि देने के आदेश जारी हुए तो सोते हुए सभी जाग कर मोर्चा बना कर श्रेय लेने की होड़ में लग गये। जबकि शासन द्वारा विगत दो वर्षों की वेतन वृद्धि देने के आदेश कोषालय के लिए जारी कर दिये गये हैं एंव पूर्व के एरियस भुगतान के करने हेतु अलग से आदेश जारी करने का आश्वासन देते हुए पत्र जारी किया गया है।
संघ ने आगे बताया कि संयुक्त समन्वय समिति के द्वारा सर्व प्रथम वेतन वृद्धि देने और मंहगाई भत्ते एवं अन्य १२ सूत्रीय मांगों को पूरा करने हेतु सरकार पर दवाब बनाया गया था और सर्वप्रथम कलम बंद हड़ताल की गयी थी और निरंतर समिति के द्वारा सरकार पर दवाब बनाया जा रहा था कि वेतन वृद्धि के साथ ही मंहगाई भत्ते और पदनाम पदोन्नति के साथ ही अन्य १२ सूत्रीय मांगो को पूरा किया जाए। प्रदेश शासन द्वारा कर्मचारियों की सभी मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया गया है कि बहुत ही जल्द कर्मचारियों की यह मांग पूरी की जाएगी।

संघ के प्रांताध्यक्ष उदित भदौरिया, जिलाध्यक्ष- रॉबर्ट मार्टिन, मीनूकांत शर्मा, जियाउर्रहीम, शहीर मुमताज़, स्टेनली नॉबर्ट, दिनेश गौंड़, राकेश श्रीवास, एनोस विक्टर, अरूण जैन, कैलाश शर्मा, राजेन्द्र सिंह, धीरेन्द्र गर्ग, विनोद पुरी, विनोद सिंह, प्रकाश मिश्रा, गोकुल सिंह ठाकुर, ओमकार दुबे, आशीष विश्वकर्मा, गोपीशाह, वसुमुद्दीन, शरीफ अहमद अंसारी, आशाराम झारिया, त्रिलोक सिंह, समर सिंह ठाकुर, रामकुमार कतिया, एस.बी.रजक, निलेष खरे, अनूप डाहट, धर्मेन्द्र गुप्ता, शैलेष पंडिया, आशीष विश्वकर्मा, मुकेश प्रधान, सुनील श्रीवास्तव, आदि ने शासन से मांग की है कि कर्मचारियों की शेष मांगो को समय सीमा में पूरा किया जाए। 

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